राजभर समाज का पूर्वांचल में खासा प्रभाव, जानिए सपा को सुभासपा से गठबंधन का कितना होगा फायदा
UP Assembly Election 2022 सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी अबकी समाजवादी पार्टी से हाथ मिलाकर लड़ेगी। सुभासपा के साथ पूर्वांचल के करीब 18-20 फीसद राजभर मतदाता होने का दावा किया जाता रहा है। वाराणसी देवीपाटन गोरखपुर व आजमगढ़ मंडल की विधानसभा सीटों पर राजभर समाज का खासा प्रभाव है।
लखनऊ, जेएनएन। पिछला विधानसभा चुनाव भाजपा के साथ मिलकर लड़ने वाली सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) अबकी समाजवादी पार्टी से हाथ मिलाकर लड़ेगी। सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने बुधवार को सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात के बाद गठबंधन का ऐलान किया। सुभासपा के साथ पूर्वांचल के करीब 18-20 फीसद राजभर मतदाता होने का दावा किया जाता रहा है। वाराणसी, देवीपाटन, गोरखपुर व आजमगढ़ मंडल की विधानसभा सीटों पर राजभर समाज का खासा प्रभाव है।
उत्तर प्रदेश की राजनीति में दबदबा रखने वाली पिछड़ी जातियों में राजभर समाज की आबादी करीब चार फीसद है। 403 विधानसभा सीटों में सौ से अधिक सीटों पर राजभर समाज का ठीक-ठाक वोट है। खासतौर से पूर्वांचल के दो दर्जन से अधिक जिलों की 100 से अधिक सीटों पर राजभर मतदाता हार-जीत तय करते हैं। सुभासपा की बंसी, आरख, अर्कवंशी, खरवार, कश्यप, पाल, प्रजापति, बिंद, बंजारा, बारी, बियार, विश्वकर्मा, नाई और पासवान जैसी उपजातियों पर भी मजबूत पकड़ मानी जाती है।
मई 2019 में मंत्रिमंडल से हुए थे बर्खास्त : सुभासपा ने वर्ष 2017 का विधानसभा चुनाव भाजपा के साथ समझौते के तहत आठ सीटों पर लड़ा था। उसकी झोली में चार सीटें आईं थीं। ओम प्रकाश राजभर योगी आदित्यनाथ सरकार में पिछड़ा वर्ग कल्याण और दिव्यांगजन कल्याण मंत्री भी बने थे। बाद में मुख्यमंत्री से विवाद के कारण उन्हें लोकसभा चुनाव के बाद 20 मई 2019 को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया गया था।
'अबकी बार, भाजपा साफ' का दिया नारा : सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने 'अबकी बार, भाजपा साफ' का नारा भी दिया है। कहा कि दलितों, पिछड़ों व अल्पसंख्यकों सहित समाज के सभी वर्गों को धोखा देने वाली भाजपा सरकार को सत्ता से हटाने के लिए सपा से गठबंधन किया है। 27 अक्टूबर को मऊ के हलधरपुर में होने वाली सुभासपा की महापंचायत में सपा प्रमुख अखिलेश शामिल होंगे। राजभर ने कहा कि भाजपा को सत्ता से बेदखल करने के लिए हमारा सपा के साथ समझौता हुआ है। सीटों को लेकर कोई झगड़ा नहीं है। यदि सपा एक भी सीट नहीं देगी तो भी उनकी पार्टी सपा के साथ रहेगी। भागीदारी संकल्प मोर्चा में जितने दल शामिल हैं उनमें भी सीटों को लेकर कोई झगड़ा नहीं है।