यात्रियों के लिए मुसीबत बना रेलवे का यह प्रयोग, उतरेटिया स्टेशन पर ट्रेनें शिफ्ट हुईं; अब हो रही यह परेशानी
कानपुर से लखनऊ तक चलने वाली पैसेंजर ट्रेन का विस्तार उतरेटिया रेलवे स्टेशन तक कर दिया। जबकि लखनऊ के चारबाग स्टेशन से सुलतानपुर जाने वाली पैसेंजर ट्रेन को भी उतरेटिया शिफ्ट कर दिया। ऐसे में चारबाग स्टेशन से दो ट्रेनों को शिफ्ट कर इनके प्लेटफार्मो की उपयोगिता बढ़ा दी है।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। सार्वजनिक परिवहन सेवा से दूर एक रेलवे स्टेशन पर पैसेंजर ट्रेनों का टर्मिनल बनाने की तैयारियों को झटका लगा है। रेलवे ने चारबाग रेलवे स्टेशन से ट्रेनों के लोड को कम करने के लिए उतरेटिया स्टेशन से पैसेंजर ट्रेनों को चलाने की शुरुआत की। लेकिन यहां तक यात्री ही नहीं पहुंच पा रहे हैं। इसके चलते ट्रेन को कभी सात तो कभी नौ यात्री ही मिल पा रहे हैं।
रेलवे ने कानपुर से लखनऊ तक चलने वाली पैसेंजर ट्रेन का विस्तार उतरेटिया रेलवे स्टेशन तक कर दिया। जबकि लखनऊ के चारबाग स्टेशन से सुलतानपुर जाने वाली पैसेंजर ट्रेन को भी उतरेटिया शिफ्ट कर दिया। ऐसे में रेलवे ने चारबाग स्टेशन से दो ट्रेनों को शिफ्ट कर इनके प्लेटफार्मो की उपयोगिता बढ़ा दी है। हालांकि लखनऊ से सुलतानपुर जाने के लिए पैसेंजर ट्रेन की अधिक डिमांड रहती है। चारबाग स्टेशन से इस ट्रेन को 200 से 300 यात्री सामान्य दिनों में मिल जाते थे। परिवहन निगम की बसाें में महंगा टिकट लेकर सफर कर रहे यात्रियों के लिए मुश्किल अब भी बरकरार है। चारबाग स्टेशन से सुलतानपुर पैसेंजर को उतरेटिया शिफ्ट कर दिया गया।
उतरेटिया स्टेशन तक सीधे पहुंचने के लिए कोई परिवहन सेवा ही नहीं है। यात्रियों के लिए तेलीबाग तक तो बस और टैंपो के साधन उपलब्ध हैं। लेकिन तेलीबाग चौराहा से भी उतरेटिया स्टेशन की दूरी करीब पांच किलोमीटर है। तेलीबाग से उतरेटिया स्टेशन जाने के लिए कोई साधन ही नहीं है। वहीं दूसरी तरफ का रास्ता अवध शिल्प ग्राम होकर है। इस रास्ते भी स्टेशन तक कोई साधन नहीं है। साथ ही इस छोर पर स्टेशन विकसित ही नहीं हुआ है। यात्रियों को इसी परिवहन सेवा के अभाव के कारण उतरेटिया स्टेशन की जगह बसों से सफर करना पड़ रहा है।