लखनऊ में रेलमंत्री पीयूष गोयल की टिप्पणी से नाराज कर्मचारियों का हंगामा

नार्दर्न रेलवे मेंस यूनियन के अधिवेशन के दूसरे दिन रेलमंत्री पीयूष गोयल की यूनियन नेता शिवगोपाल मिश्र को संबोधित एक टिप्पणी पर हंगामा मच गया।

By Nawal MishraEdited By: Publish:Fri, 16 Nov 2018 06:26 PM (IST) Updated:Fri, 16 Nov 2018 11:25 PM (IST)
लखनऊ में रेलमंत्री पीयूष गोयल की टिप्पणी से नाराज कर्मचारियों का हंगामा
लखनऊ में रेलमंत्री पीयूष गोयल की टिप्पणी से नाराज कर्मचारियों का हंगामा

जेएनएन, लखनऊ। चारबाग रेलवे स्टेडियम में चल रहे नार्दर्न रेलवे मेंस यूनियन के तीन दिवसीय अधिवेशन के दूसरे दिन पहुंचे रेलमंत्री पीयूष गोयल की यूनियन नेता शिवगोपाल मिश्र को संबोधित एक टिप्पणी पर शुक्रवार को हंगामा मच गया। मंत्री के साथ अभद्रता पर आमादा कर्मचारी मंच की ओर बढ़े और मंत्री का घेराव करते हुए वहीं लेट गए। नारेबाजी करने लगे। अराजकता और हंगामा बढऩे पर मंत्री के सुरक्षाकर्मी जब उन्हें बाहर ले जा रहे थे तो उन्हें लक्ष्य करके एक गमला भी फेंका गया। मंत्री इसमें बाल-बाल बचे, जबकि गमला एक आरपीएफ जवान को लगा।

अधिवेशन के मंच पर लखनऊ की मेयर संयुक्ता भाटिया व कर्मचारी यूनियन के केंद्रीय नेता भी थे। पीयूष गोयल ने माइक संभालते ही बताया कि वह दो टूक कहना पसंद करते हैं। इसके बाद अपे्रंटिसशिप के मसले पर वह ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के केंद्रीय महामंत्री शिव गोपाल मिश्र को संबोधित कर बोले, 'आप लोग (यूनियन) क्यों युवाओं को गलत रास्ता दिखा रहे हैं। गलत शिक्षा दे रहे हैं। अप्रेंटिसशिप को लेकर कोर्ट का निर्णय है कि सारी नियुक्तियां पारदर्शिता से हों। अप्रेंटिस कराते हुए कहीं भी ऐसा नियम नहीं है कि आपको कोर्स करने के बाद नौकरी दी ही जाएगी। हम दे भी दें तो कोर्ट रद कर देगा।' हालांकि, रेलमंत्री ने यह भी कहा कि, 'मुझे भी तकलीफ है कि अप्रेंटिस करने के बाद 10-10 साल काम करने पर भी कुछ लोगों को रेलवे से बाहर करना पड़ा।' रेलमंत्री ने कहा कि जब रेलवे ने 1.30 लाख भर्तियां निकाली तो उन्होंने ही अप्रेंटिस करने वालों के लिए सीटें आरक्षित कीं। यदि हम सीधे अप्रेंटिस करने वालों को नौकरी देते तो आज कोर्ट में बैठे होते। बेबुनियाद विवाद में रेलवे और यूनियन किसी को लाभ नहीं होता। 

रेलमंत्री ने जैसे ही अपना भाषण खत्म किया, यूनियन नेता शिवगोपाल मिश्र ने मंच संभाला और कड़े तेवर में मंत्री के वक्तव्य की निंदा की। कहा, यूनियन किसी को बहकाती नहीं है। यह रेलकर्मियों का अधिकार है। रेलकर्मियों ने कई आंदोलनों में सीने पर गोलियां खायी हैं। उनका भाषण सुनते ही करीब पांच हजार कर्मचारियों से भरे हॉल में माहौल बिगडऩे लगा और सौ से अधिक रेलकर्मियों ने रेलमंत्री को मंच के सामने ही घेर लिया और लेट गए। रेलकर्मियों का आक्रोश बढ़ता देख आरपीएफ जवानों ने मोर्चा संभाल लिया और  रेलमंत्री को लेकर वहां से निकल गए।

रेलमंत्री के ऑफिस का ट्वीट, नहीं हुई कोई घटना

Certain incorrect news reports have appeared regarding Railway Minister's speech at today's event of Northern Railway Men's Union in Lucknow. It is to clarify that there was no attack on Shri Piyush Goyal or his car and nobody was injured.

— Piyush Goyal Office (@PiyushGoyalOffc) November 16, 2018

देर रात रेलमंत्री पीयूष गोयल के ऑफिस की ओर से उनके ट्विटर अकाउंट पर इस घटना का खंडन किया गया। ट्विटर पर कहा किया गया कि लखनऊ में नार्दर्न रेलवे मेंस यूनियन के कार्यक्रम के दौरान रेलमंत्री के भाषण को लेकर कुछ गलत खबरों को रिपोर्ट किया गया है। यह स्पष्ट किया जाता है कि पीयूष गोयल और उनकी कार पर कोई हमला नहीं हुआ है। कोई घायल भी नहीं है। 

जागरण विचार

रेलमंत्री ने गलत नहीं कहा। उनका यह कहना बिल्कुल उचित था कि सभी भर्तियां नियमपूर्वक और पूरी पारदर्शिता के साथ होनी चाहिए। जब मंत्री यह तक कह चुके थे कि अप्रेंटिसों को हटाकर उन्हें भी तकलीफ हुई तो इसके बाद यूनियन की नाराजगी कतई उचित नहीं कही जाएगी। बात अप्रिय लगे तो भी इसके खिलाफ अराजक व्यवहार न तो कानूनन उचित है और न ही शिष्टाचार की कसौटी पर और रेलमंत्री तो यूनियन के अतिथि थे।

chat bot
आपका साथी