लखनऊ में कोरोना संक्रमण काल में दिव्यांग युवतियों का सहारा बनीं पूजा, महिलाओं को दिया रोजगार का ऑनलाइन प्रशिक्षण
दशक से अधिक समय से महिलाओं को लेकर काम करने वाली पूजा ने दिव्यांग युवतियों के लिए कोरोना काल वह कर दिया जो शायद कोई और करे। ऐसा करके समाज को नई दिशा देने वाली पूजा ने कोरोना संक्रमण काल में 150 दिव्यांग महिलाओं को प्रशिक्षण दिया।
लखनऊ [जितेंद्र उपाध्याय]। कोरोना संक्रमण काल में जब लोग खुद को बचाने की फिराक में थे तो एक महिला ने दिव्यांग युवतियों को नौकरी दिलाने के लिए तैयार करने का काम कर रही थीं। हम बात कर रहे हैं खुद को और परिवार की फिक्र के साथ समाज की फिक्र करने वाली आशियाना की पूजा मेहरोत्रा की। एक दशक से अधिक समय से महिलाओं को लेकर काम करने वाली पूजा ने दिव्यांग युवतियों के लिए कोरोना काल वह कर दिया जो शायद कोई और करे। ऐसा करके समाज को नई दिशा देने वाली पूजा ने कोरोना संक्रमण काल में 150 अधिक दिव्यांग युवतियों को निश्शुल्क आनलाइन सिलाई, बढ़ाई, मोबाइल बनाना, टैलीकॉलर व टैली बैंकिंग के साथ सेल्स और मार्केटिंग की ट्रेनिंग देकर उन्हें अपने पैरों पर खड़ा कर दिया।
त्रिवेणी नगर में सौभाग्य फाउंडेशन से जोड़कर प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत प्रमाण पत्र दिलाया। सभी युवतियां कॉल सेंटर व मॉल के साथ ही संचार कंपनियों में नौकरी कर रही हैं। पूजा कहती हैं कि पति अमित मेहरोत्रा के साथ मिला और साथियों ने हाैसला बढ़ाया और मंजिल मिल गई। काम कोई भी हो सभी को सिद्दत से करना चाहिए। इस वर्ष भी कोरोना संक्रमण के विपरीत परिस्थिति में खुद को तैयार कर रखा है। दिव्यांगता अभिशाप नहीं है वरदान है , यह युवतियों को सबसे पहले यही समझाती हूं। बिना किसी के दर्द को महसूस किए आप कोई काम नहीं कर सकते। उस दर्द को महसूस करने वाला ही आगे बढ़ जाता है। उनका कहना है कि प्रशिक्षण के दौरान कई युवतियों के पास मोबाइल फोन नहीं था, इसके बावजूद उन्हें प्रशिक्षण देने की चुनौती को स्वीकार किया। अपने बचत के पैसे से उन्हें मोबाइल फोन खरीदा और फिर उनकी पढ़ाई पूरी कराई। अब सभी अपने पैरों पर खड़ी है तो मुझे लगता है कि मेरी मेहनत सफल हो गई।