जनसुनवाई आमने-सामने: पहले दिन 48 मामले पहुंचे पुलिस लाइन, कमिश्नर ने मांगी प्रगति रिपोर्ट-दो चौकी इंचार्ज लाइन हाजिर

Commissioner system पुलिस विभाग ने एक सराहनीय पहल जनसुनवाई आमने-सामने की शुरूआत की। फरियाद लेकर पुलिस लाइल पहुंचे पीडि़त।

By Divyansh RastogiEdited By: Publish:Sat, 29 Feb 2020 02:22 PM (IST) Updated:Sat, 29 Feb 2020 03:17 PM (IST)
जनसुनवाई आमने-सामने: पहले दिन 48 मामले पहुंचे पुलिस लाइन, कमिश्नर ने मांगी प्रगति रिपोर्ट-दो चौकी इंचार्ज लाइन हाजिर
जनसुनवाई आमने-सामने: पहले दिन 48 मामले पहुंचे पुलिस लाइन, कमिश्नर ने मांगी प्रगति रिपोर्ट-दो चौकी इंचार्ज लाइन हाजिर

लखनऊ, जेएनएन। Commissioner system : एफआइआर दर्ज कराने के बाद भी जिन्हें न्याय नहीं मिलता था, उनके लिए अब अच्‍छे दिन आ गए हैं। उत्‍तर प्रदेश में बीते डेढ़ माह से कमिश्नरी सिस्टम लागू हो चुका है। इस नये सिस्टम के तहत पुलिस विभाग एक सराहनीय पहल 'जनसुनवाई आमने-सामने' लेकर आया है। अब प्रत्येक शनिवार पीड़ित के सामने विवेचक की भी पेशी होगी। इस कार्यक्रम की शुरुआत आज यानी शनिवार को पुलिस लाइन में ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर नवीन अरोड़ा और कमिश्नर सुजीत पाण्डेय की मौजूदगी में हुई। पहले दिन पुलिस लाइन में 48 मामले पहुंचे। 

कमिश्नर ने खुद सभी के विवेचनाधिकारी और पीड़ित फरियादियों को आमने-सामने बैठाकर मामले की प्रगति रिपोर्ट मांगी। इस दौरान दो चौकी इंजार्ज को लाइन हाजिर किया गया। 

पहले दिन 48 मामले पहुंचे, दो चौकी इंचार्ज लाइन हाजिर 

जनसुनवाई आमने-सामने अभियान के शुभारंभ में एक तरफ जहां विवेचकों की पोल खुली। वहीं, हसनगंज क्षेत्र मदेयगंज चौकी इंचार्ज प्रमोद कुमार व मड़ियांव क्षेत्र केशवनगर चौकी इंचार्ज डीके सिंह लाइन हाजिर किए गए। पहले दिन ही 48 मामले पुलिस लाइन पहुंचे। डीसीपी नॉर्थ सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी ने लोगों की समस्याओं को गंभीरतापूर्वक सुना। वहीं, फरीयादी बाजारखाला निवासी राजकुमार ने बताया कि मारपीट और धमकी के मुकदमे आरोप पत्र दाखिल हैं, लेकिन आरोपितों की गिरफ्तारी न होने से आए दिन जान से मारने की धमकी मिल रही है। लामार्टिनियर के छात्र राहुल श्रीधरन के माता-पिता विवेचक के साथ पहुंचे। उन्होंने बताया कि गौतमपल्ली थाने की पुलिस की लापरवाही के चलते पांच साल बाद भी न्याय नहीं मिला है।  

 

कार्यक्रम उद्घाटन होते ही पुलिस लाइन में भारी संख्‍या में पीडि़त फरियाद लिए जमा हुए। डीसीपी नॉर्थ सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी ने लोगों की समस्याओं को गंभीरतापूर्वक सुना। वहीं, फरीयादी बाजारखाला निवासी राजकुमार ने बताया कि मारपीट और धमकी के मुकदमे आरोप पत्र दाखिल हैं, लेकिन आरोपितों की गिरफ्तारी न होने से आए दिन जान से मारने की धमकी मिल रही है। लामार्टिनियर के छात्र राहुल श्रीधरन के माता-पिता विवेचक के साथ पहुंचे। उन्होंने बताया कि गौतमपल्ली थाने की पुलिस की लापरवाही के चलते पांच साल बाद भी न्याय नहीं मिला है। 

 

अब हर शनिवार जनसुनवाई 

यह पहल जनसुनवाई के तर्ज पर शुरू हो रही है। प्रत्येक शनिवार पीड़ित के सामने विवेचक की भी पेशी होगी। इस व्यवस्था में पुलिस लाइन प्रत्येक शनिवार कुल 50 गंभीर मामले लिये जाएंगे। यह पहला मौका होगा जब अफसर पीड़ित की समस्याएं तो सुनेंगे ही हीलाहवाली पर उसके सामने ही विवेचक पर कार्रवाई भी प्रस्तावित कर सकेंगे। सात डीसीपी, दोनों ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर के साथ पुलिस कमिश्नर स्वयं इसमें भाग लेंगे। इस जनसुनवाई में खास बिंदु यह होगा कि प्रत्येक अधिकारी पांच गंभीर मामलों के पीड़ितों के साथ विवेचक से सीधे संवाद करेंगे। विवेचक को मुकदमे से संबंधित सभी कागजात के साथ पेश होना होगा।  सभी अधिकारी अपने कार्यालयों में बैठकर सुनेंगे समस्याएं : पुलिस कमिश्नर से लेकर सभी अधिकारी अपने-अपने कार्यालयों में बैठकर समस्याएं सुनेंगे, जिससे पीड़ितों को भी उनतक पहुंचने में कोई समस्या न हो।  विवेचना में भी आएगी पारदर्शिता : जो विवेचक 90 दिन से अधिक समय से भी विवेचनाएं लटकाए रहते थे, या पीड़ित पक्ष को संतुष्ट नहीं कर पाते थे, उनपर इस नई व्यवस्था में शिकंजा कसना तय है। अफसर खुद पीड़ित से पूछेंगे कि वह विवेचना से संतुष्ट है कि नहीं।  पीड़ित को मिलेगा पूरा सम्मान: मुकदमा दर्ज कराने के बाद विवेचकों के चक्कर काटने के बावजूद जिन्हें न्याय नहीं मिल पाता, उन्हें भी अब न्याय मिलेगा। ऐसे पीड़ितों को संबंधित अफसरों के वहां रजिस्टर मिलेगा, जिसमें वह अपना नाम, पता और समस्या रजिस्टर्ड करा सकेंगे। इसके अलावा कई अन्य तैयारियां भी विभागीय अधिकारी कर रहे हैं।

ऐसे होगा चयन, नंबर हुआ जारी

जिनको मुकदमा दर्ज कराने के बाद भी विवेचक के चलते न्याय नहीं मिल पा रहा है, उनकी शिकायत के लिए पुलिस कमिश्नर कार्यालय से 9454400290 सीयूजी मोबाइल फोन नंबर जारी किया गया है, यह नंबर पहले एसएसपी का हुआ करता था। इससे गंभीर मामलों को चयन करके पीड़ितों को बारी-बारी से प्रत्येक शनिवार संबंधित अफसर के वहां बुलाया जाएगा। इसके अतिरिक्त आइजीआरएस से भी मामले लिये जाएंगे।

chat bot
आपका साथी