गैस, जलन और ऐंठन से परेशान हैं तो अपनाएं ये नुस्‍खेे

प्रो. सुदीप सहाय बेदार ने हेलो डॉक्टर कार्यक्रम में आहार विहार और आचार के जरिये पाठकों को स्वस्थ रहने के उपाए बताए।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Fri, 26 Apr 2019 07:52 AM (IST) Updated:Fri, 26 Apr 2019 07:52 AM (IST)
गैस, जलन और ऐंठन से परेशान हैं तो अपनाएं ये नुस्‍खेे
गैस, जलन और ऐंठन से परेशान हैं तो अपनाएं ये नुस्‍खेे

लखनऊ, जेएनएन। गर्मी में शरीर की शक्ति सर्दियों की अपेक्षा कमजोर हो जाती है। ऐसे में गरिष्ठ, तैलीय, असंतुलित और दूषित खानपान पाचन तंत्र को प्रभावित करता है। संक्रामक रोगों का खतरा बढ़ जाता है। गैस, पेट में जलन, ऐंठन, बदहजमी, भूख कम लगने की दिक्कतें आम हो जाती हैं। ऐसे में व्यक्ति हर रोज भोजन से 30 मिनट पहले अदरक का टुकड़ा नमक लगाकर मुंह में दबा लें। अदरक का जूस धीरे-धीरे शरीर में जाएगा, यह जठर अग्नि को बढ़ाएगा। इससे न सिर्फ भूख बढ़ेगी, बल्कि पाचन तंत्र भी मजबूत होगा। राजकीय आयुर्वेद कॉलेज के प्राचार्य प्रो. सुदीप सहाय बेदार मौजूद रहे। उन्होंने 'हेलो डॉक्टर' कार्यक्रम में आहार, विहार और आचार के जरिये पाठकों को स्वस्थ रहने के उपाए बताए।

सवाल : डायबिटीज और किडनी की समस्या है। आयुर्वेद की एक दवा ले रहे हैं। राहत नहीं मिल रही है, क्या करें।
जवाब : आयुर्वेद की जो दवा आप ले रहे हैं। उससे दोनों बीमारियों पर नियंत्रण संभव नहीं है। एक बार कॉलेज की ओपीडी में दिखा लें। बीमारियों की स्थिति के अनुसार दवा की डोज तय की जाएगी।
सवाल : भूख कम लगती है। सीरप पी रहा हूं। थोड़े दिन बाद फिर वही हाल हो गया। 
जवाब : भोजन करने से आधा घंटे पहले अदरक का टुकड़ा नमक लगाकर मुंह में दबा लें भूख बढ़ेगी। यदि समस्या दो-तीन वर्ष से है, तो लिवर फंक्शन की जांच भी करा लें।
सवाल : दाहिने घुटने के आसपास दो माह से खुजली हाेेती है, क्या करें।
जवाब : यदि खुजली वाली जगह पर स्किन का रंग नहीं बदला है, तो संक्रमण की आशंका है। नारियल तेल लगाएं। यदि ठीक न हो तो चिकित्सक को दिखाएं।
सवाल : छह माह से सुबह के समय छींक बहुत आती है। क्या इलाज है।
जवाब : अणु तेेल ले लें। दो-दो बूंद नाक के दोनों ओर डालें। 10 मिनट सिर ऊपर कर लेटे रहें। ठीक हो जाएगा।
सवाल : दो वर्ष से गठिया की समस्या है। आयुर्वेद में बीमारी का निदान संभव है।
जवाब : राजकीय आयुर्वेद कॉलेज टुडिय़ागंज में गठिया क्लीनिक चलती है। यहां पर विशेषज्ञ को दिखाएं। आयुर्वेद में गठिया का इलाज मुमकिन है।
सवाल : बार-बार दस्त के साथ ब्लड आ रहा है। क्या उपाय है।
जवाब : इसके लिए कॉलेज की ओपीडी में आएं। परीक्षण के बाद ही उपचार की दिशा तय की जाएगी।
सवाल : थायरायड, शुगर, अस्थमा है। क्या इलाज मुमकिन है।
जवाब : आपको कई बीमारियां हैं। आयुर्वेद में इन रोगों की समस्या का समाधान है। इसके लिए ओपीडी में दिखाकर इलाज शुरू कराएं। 
सवाल : जांघ के पास लाल चकत्ते पड़ गए हैं। खुजली होती है। राहत नहीं मिल रही है।
 जवाब : मारिच्यादि तैैल लें। दिन में तीन बार लगाएं। समस्या से राहत मिल जाएगी।
सवाल : पेट में गैस बनती है और पेट साफ भी नहीं होता है। क्या करें।
जवाब : भोजन से 30 मिनट पहले नमक लगाकर अदरक का टुकड़ा मुंह में दबा लें। भूख और गैस दोनों समस्या से राहत मिलेगी।
सवाल : 66 वर्ष का हूं। उठने-बैठने के वक्त पैर के पीछे हिस्से में झनझनाहट महसूस होती है।
जवाब : अश्वगंधा चूर्ण लें। दूध के साथ सुबह-शाम एक-एक चम्मच डालकर सेवन करें। राहत मिलेगी।
सवाल : 10 वर्ष का बेटा है। गुस्सा के साथ पढऩे में मन नहीं लगता। 
जवाब : कभी-कभी कुछ बच्चों में देर से विकास होता है। कॉलेज में बाल रोग चिकित्सक को एक बार दिखा लें।
सवाल : तीन दिन से जुकाम है। अब बलगम भी बन रहा है। क्या करें।
जवाब : जुकाम पांच-छह दिन रहता है। काली मिर्च, तुलसी व बड़ी इलायची का काढ़ा बनाकर सुबह-शाम पीयें। राहत मिल जाएगी।
सवाल : 17 वर्ष की बेटी है। गॉल ब्लैडर में पथरी है। क्या उपाय है।
जवाब : आयुर्वेद में पथरी की दवा है। इसका उपचार संभव है। एक बार डॉक्टर को जांच दिखाकर इलाज शुरू कराएं।
सवाल : भोजन करने का मन नहीं करता। थोड़ा खाओ पेट दर्द करने लगता है। 
जवाब : गर्मी में पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है। गरिष्ठ के बजाय सुपाच्य भोजन करें। 
सवाल : 27 वर्ष का बेटा है। सीने में जलन होती है। जांच में कुछ भी नहीं निकला, क्या करें।
जवाब : बेटे को अम्ल-पित्त की बीमारी है। एक बार कॉलेज की ओपीडी में दिखाएं। अचार, मिर्च-मसाला का सेवन कम करें। 
एक  बार में अधिक पानी नुकसानदेह
एक बार में कई गिलास पानी पीने से बचें। थोड़ा-थोड़ा अंतराल कर पानी पीयें। एक साथ अधिक पानी पीने से शरीर का डायजेस्टिव जूस प्रभावित होता है। ऐसे में भोजन पचाने वाले तत्व अधिक पानी के पहुंचने से सही तरीके से कार्य नहीं कर पाते हैं। इससे पाचन सिस्टम गड़बड़ा जाता है।
यह करें बदलाव 
मौसम बदल गया है। ऐसे में खानपान का तरीका भी बदलें सुपाच्य भोजन लें, लौकी, तरोई, परवर, करेला को सब्जी में शामिल करें। तरबूज, खरबूजा, खीरा, ककड़ी, अंगूर, पपीता, संतरा, मौसमी फल खाएं पेय पदार्थों में नीबू पानी, शिकंजी, बेल का रस, नारियल पानी, आम का पना पीयें लाई का सत्तू, गेहूं और चने का सत्तू का सेवन करें, यह शरीर को शक्ति प्रदान करता है शाम का खाना सोने से दो-तीन घंटे पहले करें सुबह टहलने अवश्य जाएं, आवश्यक योग करें      

इनसे रखें दूरी  अत्यधिक तैलीय खाद्य पदार्थों का सेवन न करें फास्ट फूड व बासी खाने से परहेज करें सड़क किनारे पूड़ी-सब्जी, कटे फल खाने से बचें ठेले पर पेय पदार्थ पीने से पहले साफ-सफाई का ध्यान रखें पानी के बताशे, पार्टी में खाना संभल कर खाएं अत्यधिक कोल्ड ड्रिंक व आइसक्रीम खाने से बचें फ्रिज और बर्तन की साफ-सफाई अच्छी तरह से करें धूप में शरीर को ढक कर निकलें एसी से अचानक धूप और धूप से अचानक एसी में आने से बचें घर में सब्जी को अच्छी तरह धुलें और ठीक से पकाकर खाएं। बाहर धूप से घर आकर तुंरत अत्यधिक ठंडा पानी न पीयें। 

कुछ घरेलू नुस्ख 
अपच में : मेंथी, हींग को पीसकर चूर्ण फांक लें। सोंठ को उबालकर पानी पीना भी लाभदायक उल्टी में : संयोगार्थ को दो-दो चम्मच लेने से उल्टी में राहत थकान-कमजोरी : अश्वगंधा चूर्ण एक-एक चम्मच सुबह-शाम दूध के साथ लें जुकाम : तुलसी, अदरक, काली मिर्च, बड़ी इलाइची का काढ़ा पीयें
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