संतोष दीक्षित हत्याकांड : डेढ़ बिस्वा जमीन के लिए पुजारी ने की थी हत्या

साढ़ू के यहां शादी में गए व्यक्ति की रामनगर गांव के बाग में मिली थी लाश। घरेलू विवाद ठीक करने व भूमि पूजन कराने के बहाने साथ ले गया था पुजारी।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Fri, 22 Feb 2019 09:55 AM (IST) Updated:Fri, 22 Feb 2019 09:55 AM (IST)
संतोष दीक्षित हत्याकांड : डेढ़ बिस्वा जमीन के लिए पुजारी ने की थी हत्या
संतोष दीक्षित हत्याकांड : डेढ़ बिस्वा जमीन के लिए पुजारी ने की थी हत्या

लखनऊ, जेएनएन। माल के रामनगर गांव में त्रिवेणीनगर निवासी संतोष दीक्षित की हत्या के मामले में पुलिस ने एक पुजारी व उसके साथी चालक को गिरफ्तार किया है। एसएसपी कलानिधि नैथानी के मुताबिक मूलरूप से बांदा जिले के थाना बबेऊ मुरवल निवासी पुजारी उमाकांत त्रिपाठी ने अपने ड्राइवर शिव सागर सिंह के साथ मिलकर हत्या की थी। आरोपित उमाकांत ने डेढ़ बिस्वा जमीन के लिए वारदात को अंजाम दिया था।

एसएसपी ने बताया कि संतोष दीक्षित ने उमाकांत को मठ खोलने के लिए डेढ़ बिस्वा जमीन देने का आश्वासन दिया था। पूछताछ में उमाकांत ने कहा कि कुछ दिनों से संतोष जमीन देने में आनाकानी कर रहा था। रविवार को संतोष परिवार समेत साढ़ू के यहां शादी समारोह में शामिल होने गया था। उमाकांत ने हमीरपुर सिसोलर, बैजेमऊ निवासी शिव सागर सिंह के साथ साजिश रची और शादी समारोह में शामिल हो गया।

आरोपित ने प्लान बनाया कि संतोष की हत्या के बाद वह उसकी पत्नी रीना को भरोसे में लेकर जमीन अपने नाम करवा लेगा। साजिश के तहत देर रात करीब एक बजे उमाकांत ने संतोष से ग्रह नक्षत्र खराब होने और घरेलू कलह से मुक्ति दिलाने के लिए भूमि पूजन कराने का झांसा दिया। संतोष आरोपित के झांसे में आ गए। इसके बाद शिवसागर के साथ संतोष को लेकर कार से उमाशंकर राम नगर गांव पहुंचा। थोड़ी दूरी पर एक बाग में संतोष को ले जाकर आरोपित ने झुककर भूमि पूजन के लिए कहा।

उमाशंकर ने पुलिस को बताया कि जैसे ही संतोष जमीन की तरफ झुके, उसने पास में रखे बांके से ताबड़तोड़ कई वार कर उनकी हत्या कर दी। इस दौरान शिव सागर गाड़ी की लाइट बंद कर बाग के बाहर निगरानी कर रहा था। पड़ताल के दौरान सर्विलांस के जरिए पुलिस को आरोपितों की लोकेशन घटना स्थल के पास मिली, जिसके बाद दोनों को दबोच लिया गया। उमाशंकर ने खून से सने अपने कपड़े गोमती नदी में फेंक दिए थे और बांका बाग में छिपा दिया था।

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