बारिश से हरी सब्जियों की कीमतों ने पकड़ी रफ्तार, डेढ़ से दो गुना हुई महंगी

प्रदेश भर में सब्जियों के दाम में हुई बढ़ोतरी मंडियों में माल में कमी आई जिसकी वजह से सब्जियों की कीमतों में उछाल आना शुरू हो गए हैं। बाजार में डेढ़ से दो गुना महंगे भाव में मिल रही है। बाजार में हरी मटर और सोया मेथी भी आ गई।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Tue, 29 Sep 2020 04:07 PM (IST) Updated:Tue, 29 Sep 2020 04:07 PM (IST)
बारिश से हरी सब्जियों की कीमतों ने पकड़ी रफ्तार, डेढ़ से दो गुना हुई महंगी
बारिश की वजह से मंडियों में माल में आई कमी हरी सब्जियों की कीमतों ने पकड़ी रफ्तार।

लखनऊ, जेएनएन। बारिश की वजह से बाहरी मंडियों से आने वाले माल में कमी आते ही हरी सब्जियों की कीमतों ने रफ्तार पकड़नी शुरू कर दी है। लौकी, कद्दू, भिंडी, हरी मिर्च, शिमला मिर्च समेत कई सब्जियों के दाम में पांच से दस रुपये किलो का अंतर दिख रहा है। थोक मंडी में ही कीमतों में डेढ़ गुना से अधिक का इजाफा हो गया है।आढ़ती शाहनवाज हुसैन की मानें तो सितंबर माह की शुरुआत यानी करीब महीनेभर पहले के बाजार भाव से तुलना की जाए तो डेढ़ से दो गुना हरी सब्जियों के भाव में अंतर आया है।

दुबग्गा थोक मंडी का भाव

सब्जी-कीमत पहले प्रति किलो रुपये में-अब

कद्दू-10-18 लौकी-12-22 भिंडी-14-22 तरोई-16-26 हरी मिर्च-35-50 आलू-20-28 प्याज-22-40 टमाटर-30

फुटकर मंडी का भाव

सब्जी-कीमत पहले प्रति किलो रुपये में-अब कद्दू-20-30 लौकी-20-30 भिंडी-25-40 तरोई-20-35 हरी मिर्च-40-55 आलू-25-35 प्याज-22-40 टमाटर-50-70

मौसमी हरी मटर ने दी बाजार में दस्तक

मौसम में बदलावों के संकेतों के साथ ही शीत कालीन सब्जियों ने दस्तक दे दी है। हल्द्वानी, नैनीताल समेत कई अन्य प्रदेशों से आने वाली हरी मटर मंडी में पहुंच गयी है। हालांकि अभी दुबग्गा और सीतापुर रोड स्थित नवीन मंडी में 30-30 किलो की महज 24 से 25 बोरियां ही पहुंची हैं। आमद कम और इसका रेट अभी अधिक है। 140 से 160 रुपये प्रति किलो की दर से हरी मटर थोक मंडी में बिकी है। वहीं फुटकर मंडी में कुछ बड़े चुनिंदा दुकानों पर ही पौने दो से लेकर दो सौ रुपये के बीच उपलब्ध है।

सोया-मेथी सबसे महंगी

जाडे़ की एक और सब्जी सोया-मेथी का भाव कम नहीं है। मौजूदा दौर में सोया-मेथी सबसे महंगी सब्जी है। थोक मंडी में इसकी कीमत प्रति किलो 80 से 90 रुपये है। वहीं फुटकर बाजार में 180 से दो सौ रुपये किलो बेची जा रही है।

मंडी सचिव संजय सिंह ने बताया कि बारिश से महाराष्ट्र, बैंगलोर से मंडी में आमद पहले ही कम है। बची कसर लोकल आसपास के जिलों और किसानों का माल भी कम हो गया है। नतीजतन इसका असर सब्जियों की कीमतों पर साफ नजर आ रहा है।  

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