पेट्रोल, डीजल तथा रसोई गैस के बढ़ते दाम को लेकर बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने केन्द्र व राज्य सरकार को घेरा

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री तथा बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने पेट्रोल डीजल तथा रसोई गैस की बढ़ती कीमतों को लेकर केन्द्र तथा राज्य सरकार को घेरा है। मायावती ने इसको लेकर एक ट्वीट भी किया है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Publish:Thu, 14 Oct 2021 11:55 AM (IST) Updated:Thu, 14 Oct 2021 12:12 PM (IST)
पेट्रोल, डीजल तथा रसोई गैस के बढ़ते दाम को लेकर बहुजन समाज पार्टी की मुखिया  मायावती ने केन्द्र व राज्य सरकार को घेरा
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री तथा बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती

लखनऊ, जेएनएन। लखीमपुर खीरी तथा राजस्थान में दलित की पिटाई को लेकर बेहद मुखर बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने गुरुवार को पेट्रो पदार्थों की लगातार बढ़ती कीमतों को लेकर केन्द्र तथा राज्य सरकारों पर हमला बोला है। बसपा मुखिया ने इसके साथ ही सख्त व प्रभावी कदम उठाने की सलाह भी दी है।

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री तथा बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने पेट्रोल, डीजल तथा रसोई गैस की बढ़ती कीमतों को लेकर केन्द्र तथा राज्य सरकार को घेरा है। मायावती ने इसको लेकर एक ट्वीट भी किया है। उन्होंने देश में इन दिनों हर राज्य में पेट्रोल, डीजल व रसोई गैस आदि की बढ़ती कीमतों को तत्काल रोकने की मांग की है। मायावती ने कहा कि इनके बढ़ते दाम के कारण रोजमर्रा की वस्तुओं की भी बढ़ती कीमतों से आमजन-जीवन पुरी तरह से अस्त-व्यस्त व त्रस्त है। अब तो केन्द्र की नरेन्द्र मोदी के साथ सभी राज्य सरकारें जनता को राहत देने के लिए तुरन्त सख्त व प्रभावी कदम उठाएं।

इससे पहले भी मायावती ने कांग्रेस शासित राजस्थान में एक दलित की पीट-पीट कर की गई निर्मम हत्या पर ट्वीट किया था। मायावती ने कहा कि इसकी चर्चा व उसकी निन्दा पूरे देश भर में हुई किन्तु कांग्रेस का नेतृत्व न केवल खुद चुप ही रहा बल्कि अपने दलित नेताओं के भी बोलने पर पाबन्दी लगाकर उनकी जुबान बंद कर दी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी व इनकी सरकारों की नजर में दलितों की न तो पहले कोई अहमियत थी और न ही अब उनके जान-माल व सुरक्षा की कोई खास परवाह है। पंजाब के नए सीएम व गुजरात के इनके नए नेता भी दोहरा मापदण्ड अपनाए हैं। इन दोनों का अभी तक अपनी जुबान बंद रखना कितना उचित है।

उन्होंने कहा कि यही कारण है कि राजस्थान के इस हत्याकाण्ड के सम्बंध में तीन दिन बाद एफआईआर दर्ज की गई है, जिससे पीडि़त परिवार को सरकार से न्याय मिलने की संभावना कम ही लगती है। यूपी के लखीमपुर खीरी की तरह ही इस मामले का भी सुप्रीम कोर्ट अगर स्वत: संज्ञान ले तो बेहतर होगा। 

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