कांग्रेस के संगठनात्मक ढांचे में बड़े बदलाव की तैयारी, तैनात होंगे ग्राम प्रधान

सपा-बसपा से गठबंधन के रास्ते बंद होते ही कांग्रेस पूरी ताकत से चुनावी तैयारी में जुट गई है। पिछड़ा वर्ग को जोडऩे के लिए संगठनात्मक ढांचे में बड़े बदलाव की तैयारी है।

By Nawal MishraEdited By: Publish:Wed, 16 Jan 2019 11:39 AM (IST) Updated:Thu, 17 Jan 2019 11:12 AM (IST)
कांग्रेस के संगठनात्मक ढांचे में बड़े बदलाव की तैयारी, तैनात होंगे ग्राम प्रधान
कांग्रेस के संगठनात्मक ढांचे में बड़े बदलाव की तैयारी, तैनात होंगे ग्राम प्रधान

लखनऊ, जेएनएन। सपा-बसपा से गठबंधन के रास्ते बंद होते ही कांग्रेस पूरी ताकत से चुनावी तैयारी में जुट गई है। पिछड़ा वर्ग को जोडऩे के लिए संगठनात्मक ढांचे में बड़े बदलाव की तैयारी है। ग्रामों में भी पिछड़ा वर्ग विभाग की कमेटी गठित करके प्रधान तैनात किया जाएगा। ब्लाक, जिला व प्रदेश स्तर पर संगठन का पुनर्गठन एक सप्ताह में कर दिया जाएगा। विधानसभा चुनाव के बाद से पस्त पड़े संगठन की सक्रियता लोकसभा चुनाव की आहट होते ही बढ़ी है। पिछड़ा वर्ग को कांग्रेस से जोडऩे के अभियान की निगरानी राष्ट्रीय कोआर्डिनेटर अनिल सैनी संभाले हुए हैं। सैनी का दावा है कि राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के चुनाव नतीजों से सिद्ध हुआ पिछड़ा वर्ग तेजी से कांग्रेस की ओर लौट रहा है।

ग्राम इकाई को मजबूती देंगे 

पिछड़ा वर्ग विभाग संगठन में विस्तार के साथ बदलाव भी किया जा रहा है। सूत्र बताते हैं कि एक सप्ताह के भीतर विभाग के प्रदेश संयोजक की नियुक्ति के साथ कमेटी गठित कर ली जाएगी। जिला व ब्लाक इकाइयों के गठन की औपचारिकता 31 जनवरी तक पूरी कर ली जाएगी। प्रदेश के एक लाख से अधिक गांवों में कमेटियां गठित होंगी और प्रधान नामित किया जाएगा। पिछड़ा वर्ग में सैनी, निषाद, कुर्मी कश्यप, कुशवाहा व लोधी जैसी जातियों को जोडऩे पर फोकस किया जाएगा।

मार्च के प्रथम सप्ताह में महारैली

पिछड़ा वर्ग समाज की महारैली मार्च के प्रथम सप्ताह में होगी। कोआर्डिनेटर अनिल सैनी ने बताया कि महारैली से पहले जिला स्तर पर भी सम्मेलन करा लिए जाएंगे। राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की रैलियां कामयाब बनाने में पिछड़ा वर्ग विभाग अहम भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि जिला व ब्लाक इकाइयों के कामकाज की नियमित समीक्षा होगी। 

प्रांतीय सम्मेलन आज

पिछड़ा वर्ग विभाग का प्रांतीय सम्मेलन आज युवक कांग्रेस कार्यालय में होरहा है। जिसमें प्रभारी महासचिव गुलाम नबी आजाद के साथ प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर शामिल है। गठबंधन की उम्मीद खत्म होने के बाद कांग्रेस ने राहुल गांधी की रैलियों के कार्यक्रम को नए सिरे से बनाया है। प्रदेश में प्रस्तावित एक दर्जन रैलियों की शुरुआत लखनऊ से होगी। 31 जनवरी से दो फरवरी के बीच किसी एक दिन रैली की तारीख फाइनल होगी।

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