यूपी में 75 महिला बंदियों की समयपूर्व रिहाई, राज्यपाल आनंदी बेन ने द‍िलाया सृजनात्मक कार्य करने का संकल्‍प

राज्यपाल ने उन्हें संकल्प दिलाया कि वे शेष जीवन में परिवार व समाज को मजबूत करने के लिए सृजनात्मक कार्य करेंगी। दहेज व ऐसी अन्य कुरीतियों के लिए दूसरों को जागरूक भी करेंगी। इस स्वतंत्रता दिवस पर विशेषकर महिला बंदियों की ही रिहाई की गई।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Sat, 14 Aug 2021 09:27 PM (IST) Updated:Sun, 15 Aug 2021 02:03 AM (IST)
यूपी में 75 महिला बंदियों की समयपूर्व रिहाई, राज्यपाल आनंदी बेन ने द‍िलाया सृजनात्मक कार्य करने का संकल्‍प
रिहा हुईं 54 महिला बंदियों को राज्यपाल ने दिए उपहार। गांधी जयंती पर फिर होगी बंदियों की समयपूर्व रिहाई।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर जेलों से 75 सिद्धदोष महिला बंदियों को आजादी मिली है। राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने शनिवार को राजभवन में आयोजित कार्यक्रम में रिहा हुईं 54 सिद्धदोष महिला बंदियों को उपहार प्रदान किए। राज्यपाल ने उन्हें संकल्प दिलाया कि वे शेष जीवन में परिवार व समाज को मजबूत करने के लिए सृजनात्मक कार्य करेंगी। दहेज व ऐसी अन्य कुरीतियों के लिए दूसरों को जागरूक भी करेंगी। इस स्वतंत्रता दिवस पर विशेषकर महिला बंदियों की ही रिहाई की गई। एक भी पुरुष बंदी की समयपूर्व रिहाई नहीं की गई। डीजी जेल आनन्द कुमार ने बताया कि अब दो अक्टूबर को महात्मा गांधी की जयंती के अवसर पर जेलों से पुरुष व महिला बंदियों की समयपूर्व रिहाई की जायेगी।

कार्यक्रम में अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश अवस्थी ने कारागार विभाग में बंदी सुधार कार्यों को और मजबूती से आगेे बढ़ाए जाने की बात कही। उन्होंने बंदियों के सुधार व पुर्नवास के लिए चल रहे कार्यक्रमों की विस्तार से जानकारी भी दी। डीजी जेल आनन्द कुमार ने बताया कि कोरोना काल में जेलों में बंदियों ने 28 लाख मास्क बनाए, जिन्हें अस्पतालों व सरकारी विभागों को दिया गया। जेलों में टीकाकरण अभियान चलाकर 92 हजार बंदियों को कोविड टीके की पहली डोज लगवाई गई थी। इनमें 20 हजार बंदियों को दूसरी डोज भी लगवाई जा चुकी है।

डीजी जेल ने बताया कि बीते दिनों वर्ष में सात अवसरों पर प्रदेश की जेलों से बंदियों की समयपूर्व रिहाई किए जाने का निर्णय किया गया है। शासन ने सिद्धदोष बंदियों की प्रत्येक वर्ष समयपूर्व रिहाई के लिए स्थायी नीति में संशोधन किया था, जिसके बाद प्रत्येक वर्ष गणतंत्र दिवस, महिला दिवस, विश्व स्वास्थ्य दिवस, मजदूर दिवस, विश्व योग दिवस, स्वतंत्रता दिवस व गांधी जयंती के अवसरों पर प्रदेश की जेलों से सिद्धदोष बंदियों की रिहाई की व्यवस्था की गई है।

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