Prakash Parva: सादगी एवं श्रद्धापूर्वक मनाया गया श्री गुरु अर्जन देव जी का 458 वां प्रकाश पर्व

लखनऊ के ऐतिहासिक गुरुद्वारा श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी यहियागंज में सिक्खों के पांचवे गुरु शहीदों के सरताज श्री गुरु अर्जन देव जी का प्रकाश पर्व सोमवार सुबह पांच बजे से 10 बजे तक श्रद्धा पूर्वक मनाया गया।

By Rafiya NazEdited By: Publish:Mon, 03 May 2021 05:02 PM (IST) Updated:Mon, 03 May 2021 05:39 PM (IST)
Prakash Parva: सादगी एवं श्रद्धापूर्वक मनाया गया श्री गुरु अर्जन देव जी का 458 वां प्रकाश पर्व
लखनऊ में मनाया गया श्री गुरु अर्जन देव जी का 458 वां प्रकाश पर्व।

लखनऊ, जेएनएन। ऐतिहासिक गुरुद्वारा श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी यहियागंज में सिक्खों के पांचवे गुरु  शहीदों के सरताज श्री गुरु अर्जन देव जी  का प्रकाश पर्व सोमवार सुबह पांच बजे से 10  बजे तक श्रद्धा पूर्वक मनाया गया। दीवान की शुरुआत सुबह पांच हुई  हेड ग्रंथि ज्ञानी परमजीत सिंह जी द्वारा सुखमनी साहब का पाठ किया गया। पश्चात हजूरी रागी द्वारा शबद कीर्तन हुआ व 10 बजे दीवान की समाप्ति पर अरदास हुई। गुरुद्वारा सचिव मनमोहन सिंह हैप्पी ने  बताया कि करोना महामारी की भयावह स्थिति को देखते हुए लॉकडाउन एवं प्रशासन की गाइड लाइन के अनुसार समस्त कार्यक्रम गुरुद्वारा साहब के हेड ग्रंथि एवं सेवादारों द्वारा संपन्न किया गया। 

संपूर्ण कार्यक्रम का ऑनलाइन प्रसारण किया गया: गुरु महाराज के जीवन पर प्रकाश डालते हुए ज्ञानी परमजीत सिंह ने कहा कि गुरु अर्जुन देव जी का  प्रकाश पंजाब के गोइंदवाल नगर जिला तरनतारन मे 1563 को पिता गुरु रामदास जी और माता भानी जी के घर हुआ। गुरु अर्जन देव जी की  जिंदगी, आदर्श और योग्यता को देखते हुए गुरु रामदास  जी ने उन्हें गुरता गद्दी की बख्शीश की। गुरु अर्जुन देव जी  ने अपने जीवन में मानवता के भले के लिए अनेक कार्य किए और हमेशा ही सबको भले के कार्य करने का उपदेश दिया है। उन्होंने पहले 4 गुरुओं की और भक्तों की वाणी को एक जगह एकत्र करके  आदि बीड़ की संपादना की।

डॉ गुरमीत सिंह ने कहा कि गुरु अर्जुन देव जी का जीवन हम सबके लिए मार्गदर्शक है जो हमें जिंदगी जीने का तरीका सिखाता है, कि मुसीबत के समय हमें एक दूसरे का सहारा बनना चाहिए, गुरबाणी ज्ञान को ही हमारी सबसे बड़ी अमीरी बताया है । हम सबको गुरबाणी के साथ जुड़ना चाहिए और गुरु उपदेश को अपने जीवन में कमाना चाहिए। डॉ गुरमीत सिंह ने सभी संगतो प्रकाश पर्व पर शुभकामनाएं दी एवं घर में ही रहकर पाठ एवं सिमरन करने की एवं सरबत के भले के लिए अरदास करने की अपील की।

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