मिड-डे मील में शामिल होंगे आलू के उत्पाद,खरीद प्रक्रिया में खत्म होंगे बिचौलिए : योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार फिर किसानों से आलू खरीदेगी। इससे बने उत्पादों को सरकार मिड-डे मील योजना में भी शामिल करेगी।
लखनऊ (जेएनएन)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जरूरत हुई तो सरकार फिर किसानों से समर्थन मूल्य पर आलू खरीदेगी। प्रदेश में ही आलू की खपत हो, इसलिए इससे बने उत्पादों को सरकार मिड-डे मील योजना में भी शामिल करेगी। आज भारतीय किसान संघ के सम्मेलन में योगी ने कहा कि पिछली सरकारों के लिए किसान सिर्फ वोट बैंक थे। किसान हित सिर्फ नारों तक सीमित था। उनके पास किसानों के लिए कोई कार्ययोजना नहीं थी। यही वजह है कि खेती में अपेक्षित लाभ न होने से किसान आत्महत्या करने लगे थे।
लगातार किसानों के हित में काम
योगी ने कहा कि हमारी सरकार ने आते ही किसानों के हित को सर्वोपरि रखते हुए लघु-सीमांत किसानों का कर्ज माफ कर दिया। इसके बाद से लगातार किसानों के हित में काम जारी है। गन्ना, गेहूं और धान की रिकार्ड खरीद और भुगतान, पहली बार आलू का समर्थन मूल्य घोषित करना इसका प्रमाण है। बिचौलियों का वर्चस्व खत्म कम करने के लिए भुगतान की पारदर्शी और समयबद्ध व्यवस्था की गई है। इसमें और सुधार की प्रक्रिया जारी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा-यमुना के मैदानी क्षेत्र के रूप में दुनिया की सबसे उर्वर भूमि, प्रचुर पानी, भरपूर मानव संसाधन, विविधतापूर्ण जलवायु के रूप में प्रकृति और परमात्मा की उप्र पर खास कृपा है। ऐसे में अगर यहां के किसानों को खेती के अद्यतन तौर-तरीकों और बाजार के अनुसार फसल उगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाये तो वह पूरी दुनिया का अन्नदाता बन सकता है।
नहीं खुलेंगे अवैध बूचड़खाने
योगी ने कहा कि छुट्टा पशुओं को लेकर मुझ पर तंज किया जाता है। बावजूद इसके अवैध बूचड़खाने नहीं खुलने देंगे। सरकार लोगों की मदद से छुट्टा पशुओं की समस्या का स्थाई हल निकालेगी। इसी मकसद से गोशाला निर्माण के लिए हर जिले को एक करोड़ रुपये से अधिक दिये गए हैं। ललितपुर में जिस तरह से स्थानीय लोगों की मदद से गोशाला चल रही है, उसी तरह से बाकी जगहों पर भी चलायी जाएगी।
चीनी मिलों को राहत देने जा रही सरकार
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश सरकार ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में चीनी के मूल्य में आई गिरावट के असर से चीनी उद्योग को राहत दिलाने की कार्ययोजना तैयार कर ली है। योजना के तहत सरकार चीनी मिलों को प्रति क्विंटल खरीद पर न केवल 4.5 रुपये का अनुदान देगी बल्कि 4000 करोड़ का आसान ऋण भी उपलब्ध कराएगी। इसके पीछे सरकार की मंशा किसानों को गन्ना मूल्य का समय से भुगतान कराना तो है ही, साथ ही चीनी उद्योग को नए सत्र के लिए तैयार होने में मदद करना भी है। सीएम इस संबंध में गोरखनाथ मंदिर स्थित अपने आवास में संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस पेराई सत्र में चीनी का रिकार्ड उत्पादन हुआ है। किसानों का पूरा गन्ना पेरने के लिए चीनी मिलों ने अनवरत गन्ना पेराई का कार्य किया है।
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