Post Covid मरीजों को आ रहीं दिक्कतें, OPD में बढ़े मामले
लखनऊ के अस्पतालों में पोस्ट कोविड मरीजों की संख्या बढ़ी कोरोना से ठीक हो चुके मरीज अब पोस्ट कोविड क्लीनिक में तरह -तरह की समस्याएं लेकर सामने आ रहे हैं। ज्यादातर मरीज भूख के मर जाने व बार-बार गला सूखने की शिकायत लेकर अस्पताल पहुंच रहे हैं।
लखनऊ, जेएनएन। कोरोना संक्रमण से उबर चुके मरीजों की समस्या अभी खत्म नहीं हुई है। कोरोना से ठीक हो चुके मरीज अब पोस्ट कोविड क्लीनिक में तरह -तरह की समस्याएं लेकर सामने आ रहे हैं। पहले ज्यादातर मरीज फेफड़ों में संक्रमण, फाइब्रोसिस, थकान और कमजोरी की समस्याएं लेकर आ रहे थे। अब कोरोना संक्रमण को मात दे चुके ज्यादातर मरीज भूख के मर जाने व बार-बार गला सूखने की शिकायत लेकर अस्पताल पहुंच रहे हैं। राजधानी के सिविल अस्पताल में करीब एक हफ्ते से ऐसे ही मरीजों के लिए पोस्ट कोविड क्लीनिक चलाई जा रही है।
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ एसके नंदा ने बताया कि रोजाना छह से दस मरीज पोस्ट कोविड क्लीनिक में पहुंच रहे हैं। ज्यादातर मरीजों को थकान, कमजोरी, सुस्ती के साथ सांस लेने में तकलीफ, भूख ना लगने व बार-बार गला सूखने की समस्या हो रही है। लक्षणों के आधार पर मरीजों को इलाज व परामर्श दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अभी ज्यादातर मरीजों को इस क्लीनिक खोलने के बारे में जानकारी नहीं है। इसलिए संख्या कम है, लेकिन ऐसी दिक्कत बहुत से मरीजों को हो रही है।
लोकबंधु अस्पताल में कोरोना मरीजों की देखरेख कर रहे आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ आदिल रईस कहते हैं कि ज्यादातर कोरोना मरीजों के संक्रमित होने के बाद से ही भूख मरने लगती है। उन्हें सांस में तकलीफ होती है, शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है। ऐसे में आयुर्वेद विधा में इलाज करते समय सबसे पहले मरीजों की मंद पड़ी अग्नि को तेज किया जाता है। कच्चा लहसुन बेहतरीन अग्नि उद्दीपक है। सुबह शाम एक या दो पीस कच्चा लहसुन चबाने से मंद पड़ी अग्नि तेज हो जाती है और भूख लगने लगती है। इससे शरीर को पोषक तत्व पहुंचते हैं। फलस्वरूप बाद में रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ जाती है।