लखनऊ में शिक्षा निदेशालय में प्रदर्शनकार‍ियों पर पुलिस का बल का प्रयोग, महिला अभ्यर्थियों से अभद्रता

अभ्यर्थी बेसिक शिक्षा विभाग में निकाली गई भर्ती में 22 हजार पदों पर और नियुक्ति करने की मांग कर रहे हैं। इनमें से कुछ पिछले 72 दिनों से बेसिक शिक्षा निदेशालय स्थित पानी की टंकी पर चढ़कर प्रदर्शन कर रहे थे।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 11:49 PM (IST) Updated:Fri, 22 Oct 2021 07:30 AM (IST)
लखनऊ में शिक्षा निदेशालय में प्रदर्शनकार‍ियों पर पुलिस का बल का प्रयोग, महिला अभ्यर्थियों से अभद्रता
22 हजार पदों पर भर्ती के लिए 72 दिनों से निदेशालय परिसर स्थिति पानी टंकी पर प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थी।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। 22 हजार पदों पर नियुक्ति की मांग को लेकर बेसिक शिक्षा निदेशालय स्थित पानी की टंकी पर पिछले 72 दिनों से प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों पर पुलिस ने गुरुवार शाम बल प्रयोग किया। पुलिस की कार्रवाई से कई महिला अभ्यर्थियों को गंभीर चोटें आईं हैं। इनमें से तीन की हालत गंभीर है। आरोप लगाया कि तीनों गंभीर रूप से घायल ये अभ्यर्थी पुलिस की कार्रवाई के बाद से ही लापता हैं।

अभ्यर्थी बेसिक शिक्षा विभाग में निकाली गई भर्ती में 22 हजार पदों पर और नियुक्ति करने की मांग कर रहे हैं। इनमें से कुछ पिछले 72 दिनों से बेसिक शिक्षा निदेशालय स्थित पानी की टंकी पर चढ़कर प्रदर्शन कर रहे थे। सुनवाई न होने से नाराज प्रदर्शनकारियों का संयम गुरुवार को टूट गया और वह निदेशालय में घुसकर अधिकारियों से वार्ता कराने की मांग करने लगे। इस दौरान दोपहर 2:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक प्रदर्शनकारियों और पुलिस की नोकझोंक चलती रही।

कार्यालय बंद होने के समय जब प्रदर्शनकारियों ने परिसर खाली नहीं किया तो पुलिस ने बल प्रयोग कर दिया। आरोप है कि इससे प्रदर्शनकारियों को गंभीर चोटें आईं। महिला अभ्यर्थियों का आरोप था कि पुलिस ने दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। पुलिस ने महिलाओं के कपड़े भी फाड़े। वहीं, कुछ प्रदर्शनकारियों को छत से नीचे तक फेंक दिया। प्रदर्शनकारियों के मुताबिक गंभीर रूप से घायल अभ्यर्थियों में मलकेश ङ्क्षसह, अभय श्रीवास्तव समेत एक अन्य शामिल हैं।

पुलिस ने आरोपों को बताया निराधार, अज्ञात पर रिपोर्ट दर्ज : इस संबंध में इंस्पेक्टर महानगर प्रदीप कुमार सिंह ने कहा कि 60 से 70 अज्ञात प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। तीन प्रदर्शनकारियों के गायब होने का आरोप निराधार है।

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