Barabanki Bus Accident: पांच थानों की पुलिस ने किया पंचनामा, दस डाक्टरों ने पीएम; शव बिहार भेजने की तैयारी

बाराबंकी बस दुर्घटना में मरने वाले लोगों का पंचनामा किया गया। शव को घटनास्थल और अस्पताल से मर्चुरी पहुंचाया गया। इसके बाद 18 शवों का पंचनामा कराने के लिए पुलिस अधीक्षक ने कोतवाली नगर सहित पांच थानों की पुलिस टीम को पोस्टमार्टम हाउस भेजा।

By Rafiya NazEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 06:22 PM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 10:24 PM (IST)
Barabanki Bus Accident: पांच थानों की पुलिस ने किया पंचनामा, दस डाक्टरों ने पीएम; शव बिहार भेजने की तैयारी
बाराबंकी बस दुर्घटना में मरने वालों का हुआ पंचनामा।

बाराबंकी, संवादसूत्र। रामसनेहीघाट में हाईवे पर हुए भीषण हादसे का शिकार बिहार के 18 लोगों के शव का पंचनामा, पोस्टमार्टम कराकर उसे भेजने में प्रशासन, पुलिस और परिवहन विभाग का बेहतर टीम वर्क देखने का मिला। शव को घटनास्थल और अस्पताल से मर्चुरी पहुंचाया गया। इसके बाद 18 शवों का पंचनामा कराने के लिए पुलिस अधीक्षक ने कोतवाली नगर सहित पांच थानों की पुलिस टीम को पोस्टमार्टम हाउस भेजा।

यहां मृतकों के परिवारजन व उनके क्षेत्र के लोगों से नाम पता आदि पूछकर पंचनामा की प्रक्रिया पूरी की गई। इस दौरान पुलिस मृतकों की शिनाख्त का प्रयास भी करती रही। वहीं, इतने शवों का समय से पोस्टमार्टम कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग से दस डाक्टर और उनके आठ सहयोगी स्टाफ को लगाया गया। उधर, शव भेजने के लिए आवश्यक 18 एंबुलेंस की व्यवस्था की जिम्मेदारी परिवहन विभाग को सौंपी गई। दोपहर दो बजे तक नौ एंबुलेंस की व्यवस्था हो सकी थी और शेष नौ के लिए एंबुलेंस संचालकों से संपर्क किया जा रहा था। एसडीएम नवाबगंज और सीओ सिटी सीमा यादव को भी एंबुलेंस अरेंज करने का टास्क दिया गया। जिले में एक साथ इतनी एंबुलेंस की व्यवस्था न होता देख अधिकारियों ने लखनऊ और अयोध्या जिले में भी एंबुलेंस के लिए प्रयास कर रहे थे।

नींद बन आई मौत, काम न आई पसीने की कमाई: परिवार की आजीविका चलाने के लिए बिहार के मजदूरी पेशा लोग पंजाब और हरियाणा में कमाई करने गए थे। धान की रोपाई करने के बाद मजदूरी लेकर यह सभी घर लौट रहे थे। सबके मन में कमाई से परिवारजन के पालन-पोषण के साथ ही उनकी आकांक्षाओं को पूरा करने का स्वप्न तैयार रहा था। इसीलिए वह जल्दी से जल्दी घर पहुंच जाना चाहते, लेकिन ऊपर वाले को कुछ और ही मंजूर था। रामसनेहीघाट में कल्याणी नदी के पुल पर सो रहे लोगों की आकांक्षाओं की नींद पर मौत ने कुठाराघात किया और एक झटके में ही 15 लोगों की जिंदगी झीन लीं। मौत की जिद के आगे उन्हें अपने खून पसीने की कमाई को भी खर्च करने का मौका नहीं मिला। मृतक और घायलों में ज्यादातर युवाप्रशासन की ओर से जारी 16 मृतकों की सूची में 11 और गंभीर हालत रेफर किए गए लोगों दस में नौ युवा हैं। इससे स्पष्ट है कि इन परिवारों ने अपने घर के कमाऊ पूत खो दिए हैं। मृतकों में जहां आठ की उम्र तो 35 से कम है वहीं घायलों में छह लोग की उम्र इससे कम है।

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