लखनऊ में व‍िधान भवन के सामने 'नाइट कर्फ्यूू', नाकामी छुपाने को पुल‍िस वाले दे रहे यह तर्क

रात 11 से सुबह छह बजे तक हजरतगंज और बापू भवन चौराहे पर बैरीकेडिंग कर वाहनों का आवागमन बंद। नहीं जारी की डायवर्जन की सूचना जानकारी न होने से आम आदमी की बढ़ी दिक्कतें रात में काट रहे चक्कर।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Sat, 05 Dec 2020 10:19 AM (IST) Updated:Sat, 05 Dec 2020 02:38 PM (IST)
लखनऊ में व‍िधान भवन के सामने 'नाइट कर्फ्यूू', नाकामी छुपाने को पुल‍िस वाले दे रहे यह तर्क
पुलिस की नाकामी से बढ़ी जनता की परेशानी।

लखनऊ, जेएनएन। शुक्रवार रात करीब 11ः45 बजे हैं। आलमबाग निवासी हरदीप सिंह अपनी बेटी को स्कूटी पर बिठाकर राजभवन मार्ग से गोमतीनगर से लौट रहे थे। हजरतगंज चौराहे से उन्हें चारबाग जाने के लिए मुड़ना था। पर लेफ्ट टर्न पर विधानसभा मार्ग बंद होने के कारण वह एकाएक ब्रेक मारते हुए लड़खड़ा जाते हैं। कुछ संभलने के बाद उन्होंने यहां पर रात्रि ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मियों से पूछा कि क्यों भई ये बैरीकेडिंग क्यों लगी है। कुछ हुआ है क्या?

इस बीच अशोक मार्ग से कार आ रहे ऐशबाग निवासी एवं भारतेंदु नाट्य एकेडमी के असिस्टेंट डायरेक्टर राहुल श्रीवास्तव ने भी एकाएक बैरीकेडिंग देखकर अपनी कार रोक दी। वह परिवार के साथ थे और गोखले मार्ग से एक शादी से लौट रहे थे। तभी, गोमतीनगर से आ रहे बाइक सवार दीपक भाटी भी रुके वह अपने रिश्तेदार को चारबाग छोड़ने जा रहे थे। इसी प्रकार गोमतीनगर के हिमांशु व कई अन्य लोग गए। सभी को चारबाग की ओर जाना था। सभी का पुलिस कर्मियों से एक ही प्रश्न था कि रास्ता क्यों बंद है।

इस पर पुलिस कर्मियों ने कहा कि विधानभवन और लोक भवन का यह मार्ग रात 11 बजे से सुबह छह बजे तक सुरक्षा कारणों से बंद रहता है। क्योंकि आए दिन यहां कोई न कोई विधानभवन और लोक भवन के सामने आत्महत्या का प्रयास करने के लिए आ जाता है। लोग रात का फायदा उठाकर विधानभवन के आस पास रात में जाकर बैठ जाते हैं और सुबह आत्मदाह करते हैं। आप लोग विधानभवन के पीछे के रास्ते से चले जाएं। यह सुनते ही लोगों ने कहा कि वह भइ वाह पुलिस ऐसे लोगों को रोककर उन्हें पकड़ तो पा नहीं रही है। अपनी नाकामी छुपाने के लिए आम जनता की परेशानी बढ़ा रही है। इसके बाद लोग वापस लौटे और चक्कर काट कर चले गए। मार्ग बंद होने से लोगों को काफी परेशानी होती है। क्योंकि यहीं पर झलकारी बाई अस्पताल और एक पेट्रोल पंप भी है। हालांकि पुलिस का कहना है कि चौराहे से फ्री-लेफ्ट टर्न खुला है। पेट्रोल पंप और अस्पताल जाने वाले उधर से आते-जाते हैं।

रात्रि डायर्वजन का नहीं लगा कोई बोर्ड, न ऐरो न वैकल्पिक मार्ग की जानकारी

रात डायवर्जन का हजरतगंज चौराहे अथवा बापू भवन चौराहे पर कोई निर्देशक, बोर्ड और ऐरो नहीं लगा है। जिससे वाहन चालकों को यह जानकारी हो कि मुख्य मार्ग बंद है तो वह किधर जाएं। इसके लिए सबसे अधिक परेशानी बाहर से आने वाले वाहन चालकों को होती है। कम से कम यहां पर एक रात्रि डावर्जन का बोर्ड और कुछ मार्क तो बने होने चाहिए। जिससे लोगों को डायवर्जन की जानकारी हो सके।

ट्रैफिक पुलिस को नहीं डायवर्जन की जानकारी

एडीसीपी ट्रैफिक पूर्णेंदु सिंह ने बताया कि उन्हें इस डायवर्जन की कोई जानकारी नहीं है। हजरतगंज चौराहे के ट्रैफिक बूथ पर रात्रि ड्यूटी के लिए दो पुलिस कर्मी रहते हैं। किसी वाहन चालक को समस्या होने पर वह मदद करते हैं। उन्होंने बताया कि थाने स्तर से डायवर्जन हुआ होगा। उनके यहां से विधानसभा मार्ग का रात्रि डायवर्जन जारी नहीं किया गया।

रोवर्स के सामने से नहीं हटा पा रहे गाड़ियां, हो चुकी है फायरिंग और अपराधिक घटनाएं

रात 12 बजे के बाद भी रोवर्स-रंजन रेस्टोरेंट के बाहर लक्जरी गाड़ियों का जमावड़ा था। लोग रेस्टोरेंट से मंगाकर कार के अंदर ही बैठकर खानपान कर रहे थे। गाड़ियां आधी सड़क तक लगी थीं। बीते सालों यहां पर गाड़ी ने नशेबाजी के विवाद में फायरिंग और कई अन्य अपराधिक घटनाएं भी हो चुकी हैं। घटना जब हुई तो तत्कालीन एसीपी अभय कुमार मिश्र सक्रिय हुए थे। उन्होंने यहां रेस्टोरेंट संचालकों की मनमानी पर रात रोक लगाई और रात में खड़ी गाड़ियों का चालन कराना शुरू किया था। उसके बाद देर रात यहां गाड़ियां नहीं खड़ी होती थीं।

कोहरे की धुंध में बढ़ सकती है हादसों की दस्तक

चौराहे पर बैरीकेडिंग होने के कारण कोहरे की धुंध में हादसों की दस्तक बढ़ सकती है। क्योंकि कोहरे में विजिबिलटी बहुत कम रहती है। इसके अलावा यहां पर रेट्रो रिफ्लेक्टिव टेप, साइन ऐरो आदि किसी बोर्ड पर नहीं लगे हैं।

'लोक भवन और विधान भवन की सुरक्षा के कारणों से यह बैरीकेडिंग कर मार्ग रात 11 बजे से सुबह छह बजे तक बंद रहता है। पुलिस कर्मियों की ड्यूटी भी हजरतगंज और बाबू भवन चौराहे पर रहती है। वाहन चालकों को जरूरत पड़ने पर बैरीकेडिंग खोली भी जाती है। इसके अलावा अस्पताल आने-जाने वालों के लिए फ्री-लेफ्ट टर्न खुला रहता है। इससे किसी को कोई परेशानी नहीं है।'   -संजीव नाथ सिन्हा, डीसीपी सेंट्रल 

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