PM नरेंद्र मोदी 27 सितंबर को डिजिटल स्वास्थ्य मिशन का करेंगे एलान, जानें- यूनिक हेल्थ कार्ड के क्या फायदे

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 27 सितंबर को प्रधानमंत्री डिजिटल हेल्थ मिशन का एलान करेंगे। इस योजना का मकसद राष्ट्रीय स्तर पर डिजिटल स्वास्थ्य प्रणाली बनाना है। इससे मरीज अपने स्वास्थ्य का रिकार्ड सुरक्षित रख सकेंगे और इसे अपनी पसंद के डाक्टरों व स्वास्थ्य संस्थानों के साथ साझा कर सकेंगे।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Thu, 23 Sep 2021 10:45 PM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 07:04 AM (IST)
PM नरेंद्र मोदी 27 सितंबर को डिजिटल स्वास्थ्य मिशन का करेंगे एलान, जानें- यूनिक हेल्थ कार्ड के क्या फायदे
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 27 सितंबर को प्रधानमंत्री डिजिटल हेल्थ मिशन (पीएमडीएचएम) का एलान करेंगे।

लखनऊ, जेएनएन। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 27 सितंबर को प्रधानमंत्री डिजिटल हेल्थ मिशन (पीएमडीएचएम) का एलान करेंगे। इस योजना का मकसद राष्ट्रीय स्तर पर डिजिटल स्वास्थ्य प्रणाली बनाना है। इसके जरिये मरीज अपने स्वास्थ्य का रिकार्ड सुरक्षित रख सकेंगे और इसे अपनी पसंद के डाक्टरों और स्वास्थ्य संस्थानों के साथ साझा कर सकेंगे। पीएम-डीएचएम का लक्ष्य टेक्नोलाजी के माध्यम से भारत में हेल्थ सर्विसेज में सुधार लाना है। हेल्थकेयर डाटा के बेहतर एक्सेस से यह संभव हो पाएगा। पायलट प्रोजेक्ट पहले ही छह केंद्र शासित प्रदेशों अंडमान और निकोबार, चंडीगढ़, दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव, लद्दाख, लक्षद्वीप और पुडुचेरी में लागू किया जा चुका है।

प्रधानमंत्री डिजिटल हेल्थ मिशन का उद्देश्य राष्ट्रीय स्तर पर डिजिटल स्वास्थ्य इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाना है। यह सभी नागरिकों को स्वास्थ्य आइडी के जरिये वैश्विक स्वास्थ्य कवरेज मुहैया कराएगा। अन्य बातों के अलावा इससे टेलीमेडिसीन और ई-फार्मेसी जैसी सुविधाएं भी मिलेंगी। स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि इससे लोगों को प्रभावी, समावेशी, सस्ती और सुरक्षित स्वास्थ्य सुविधा मिलेगी। इसका उद्देश्य हेल्थ आइडी, डाक्टरों और स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए विशिष्ट पहचानकर्ता, पर्सनल हेल्थ रिकार्ड, टेलीमेडिसिन और ई-फार्मेसी के साथ एक नेशनल डिजिटल हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण करना है। 

प्रधानमंत्री डिजिटल हेल्थ मिशन के तहत सरकार हर व्यक्ति का यूनिक हेल्थ कार्ड बनाएगी। यह कार्ड पूरी तरह से डिजिटल होगा जो देखने में आधार कार्ड की तरह लगेगा। इस कार्ड पर एक नंबर दिया जाएगा, जैसा नंबर आधार में होता है। इसी नंबर से स्वास्थ्य के क्षेत्र में व्यक्ति की पहचान होगी। इसी नंबर के जरिये डाक्टर उस व्यक्ति की पूरी रिकार्ड जान सकेंगे। यूनिक हेल्थ कार्ड बन जाने के बाद मरीज को डाक्टर से दिखाने के लिए फाइल ले जाने से छुटकार मिलेगा। डाक्टर या अस्पताल रोगी का यूनिक हेल्थ आइडी देखकर उसका पूरा डाटा निकाल सकेंगे और उसी आधार पर आगे का इलाज शुरू हो सकेगा।

हेस्थ कार्ड यह भी बताएगा कि उस व्यक्ति को किन-किन सरकारी योजनाओं का लाभ मिलता है। रोगी को आयुष्मान भारत के तहत इलाज की सुविधाओं का लाभ मिलता है या नहीं, यह भी पता चल सकेगा। पब्लिक हास्पिटल, कम्युनिटी हेल्थ सेंटर, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर या वैसा हेल्थकेयर प्रोवाइडर जो नेशनल हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर रजिस्ट्री से जुड़ा हो, किसी व्यक्ति की हेल्थ आइडी बना सकता है। healthid.ndhm.gov.in/register पर खुद के रिकॉर्ड्स रजिस्टर करा कर भी आप अपनी हेल्थ आईडी बना सकते हैं।

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