अयोध्या की धन्नीपुर मस्जिद में हरियाली के लिए अमेजन रेनफॉरेस्ट सहित देश-दुनिया से आएंगे पौधे

Mosque In Ayodhya इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट ने तय किया है कि अयोध्या के धन्नीपुर में बनाई जा रही मस्जिद में ब्राजील स्थित अमेजन रेनफॉरेस्ट सहित देश-दुनिया की विभिन्न प्रजातियों के पौधे रोपकर लोगों पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया जाएगा।

By Umesh Kumar TiwariEdited By: Publish:Mon, 18 Jan 2021 12:02 AM (IST) Updated:Mon, 18 Jan 2021 07:32 AM (IST)
अयोध्या की धन्नीपुर मस्जिद में हरियाली के लिए अमेजन रेनफॉरेस्ट सहित देश-दुनिया से आएंगे पौधे
अयोध्या के धन्नीपुर में मस्जिद का परिसर प्रकृति के लिहाज से पर्यावरण प्रेमियों के लिए खास तौर पर दर्शनीय होगा।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। अयोध्या के धन्नीपुर में बनाई जा रही मस्जिद का परिसर प्रकृति के लिहाज से पर्यावरण प्रेमियों के लिए खास तौर पर दर्शनीय होगा। पौधरोपण के साथ 26 जनवरी को निर्माण के औपचारिक शुभारंभ का निर्णय पहले ही हो चुका था। अब इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट ने तय किया है कि यहां ब्राजील स्थित अमेजन रेनफॉरेस्ट सहित देश-दुनिया की विभिन्न प्रजातियों के पौधे रोपकर लोगों पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया जाएगा।

इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट की वर्चुअल बैठक रविवार को अध्यक्ष जुफर अहमद फारुकी की अध्यक्षता में हुई। सचिव एवं प्रवक्ता अतहर हुसैन ने बताया कि मीटिंग में धन्नीपुर मस्जिद प्रोजेक्ट की प्रगति की समीक्षा की गई। खास तौर पर आयकर विभाग में लंबित 12-ए 80-जी प्रमाण पत्र को लेकर विचार विमर्श हुआ।

ट्रस्ट के सचिव एवं प्रवक्ता अतहर हुसैन ने बताया कि गणतंत्र दिवस पर सुबह 8.30 बजे पौधरोपण और राष्ट्र ध्वज फहराने के साथ ही पांच एकड़ भूमि पर प्रोजेक्ट की औपचारिक शुरुआत हो जाएगी। मिट्टी परीक्षण की प्रक्रिया शुरू होगी और अयोध्या जिला पंचायत में नक्शा स्वीकृति के लिए आवेदन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि ट्रस्ट ने तय किया है कि परिसर में जो हरियाली विकसित की जाएगी, उसमें ब्राजील स्थित अमेजन रेनफॉरेस्ट सहित भारत और अन्य देशों से विभिन्न प्रजातियों के पौधे लाकर रोपे जाएंगे। इसका उद्देश्य सभी को पर्यावरण संरक्षण का संदेश देना है।

सचिव एवं प्रवक्ता अतहर हुसैन ने बताया कि इस परियोजना में मस्जिद, संग्रहालय, अस्पताल, पुस्तकालय, सामुदायिक रसोई, इंडो-इस्लामिक कल्चरल रिसर्च सेंटर और प्रकाशन गृह का निर्माण होना है। बैठक में इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट के नौ सदस्य शामिल हुए।

बता दें कि पांच एकड़ भूमि पर मुख्य रूप से दो कॉम्प्लेक्स बनाए जाएंगे। इनमें एक मस्जिद कॉम्प्लेक्स व दूसरा हॉस्पिटल कॉम्प्लेक्स होगा। दोनों ही भवन जीरो एनर्जी कॉन्सेप्ट पर तैयार किए जाएंगे। दोनों इमारतों की छत पर सोलर पैनल लगेंगे। पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए इन ईको फ्रेंडली इमारतों के बाहरी हिस्से में हरियाली रहेगी। इसकी मीनार भी मॉडर्न लुक में बनाई जाएगी। मस्जिद दो तल की होगी।

खास बात यह है कि इसके हाल में महिलाओं के नमाज पढ़ने के लिए अलग से स्थान बनाया जाएगा। मस्जिद में कुल एक हजार लोग एक साथ नमाज पढ़ सकेंगे। सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल पांच तल का बनाया जाएगा। इसमें 200 बेड होंगे। इसके अलावा मस्जिद के बगल में खाली पड़ी जगह में अंडरग्राउंड म्यूजियम व लाइब्रेरी बनाई जाएगी। म्यूजियम 500 वर्ग मीटर में बनाया जाएगा। इसके ऊपर सतह पर घास व हरियाली होगी।

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