लखनऊ: स्वेटर वितरण के दौरान शारीरिक दूरी की उड़ी धज्जियां, उठ रहे सवाल

लखनऊ परिषदीय व पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में स्वेटर वितरण को लेकर शारीरिक दूरी की उड़ी धज्जियां। स्वेटर वितरण के लिए बेसिक शिक्षा अधिकारी दिनेश कुमार के आदेश पर बच्चों को स्कूल बुलाया गया और शारीरिक दूरी का ध्यान भी नहीं रखा गया।

By Divyansh RastogiEdited By: Publish:Mon, 09 Nov 2020 04:26 PM (IST) Updated:Mon, 09 Nov 2020 04:26 PM (IST)
लखनऊ: स्वेटर वितरण के दौरान शारीरिक दूरी की उड़ी धज्जियां, उठ रहे सवाल
लखनऊ: परिषदीय व पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में स्वेटर वितरण को लेकर शारीरिक दूरी की उड़ी धज्जियां।

लखनऊ, जेएनएन। परिषदीय व पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में स्वेटर वितरण को लेकर सवाल उठने लगे हैं। वितरण के दौरान बच्चों में शारीरिक दूरी को अनदेखा किया गया, इससे बच्चों में संक्रमण के खतरे की भी संभावना बढ़ गई। इसे लेकर अब यह भी सवाल उठने शुरू हो गए हैं कि आखिर बेसिक शिक्षा अधिकारी ने किसके आदेश पर बच्चियों को स्वेटर वितरण के लिए स्कूल बुलाया था।

दरअसल, कोरोना संक्रमण काल के दौरान ड्रेस वितरण के लिए बच्चों को स्कूल न बुला, उनके अभिभावकों से संपर्क कर उन्हें मुहैया कराया गया। ताकि बच्चों को संक्रमण के खतरे से दूर रखा जाए। मगर स्वेटर वितरण के लिए बेसिक शिक्षा अधिकारी दिनेश कुमार के आदेश पर बच्चों को स्कूल बुलाया गया और शारीरिक दूरी का ध्यान भी नहीं रखा गया।

एसीएस ने किया है अगाह

हालिया दिशा निर्देश के तहत अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य ने इस संबंध में आगाह करते हुए कहा है कि बढ़ती ठंड में कोरोना संक्रमण का खतरा भी बढ़ सकता है। ऐसे में एहतियात बेहद जरूरी है। इसके बावजूद भी जिला स्तर के शिक्षा अधिकारियों द्वारा बच्चों को स्वेटर वितरण के लिए स्कूल बुलाया गया। जबकि ड्रेस वितरण की तरह स्वेटर वितरण भी कराया जा सकता था। खुद शिक्षकों ने भी इस बात का दबी जुबान से विरोध किया है। शिक्षकों का कहना है कि उन पर बच्चों को स्कूल न बुलाए जाने के निर्देश हैं, जबकि शिक्षाधिकारी खुद बच्चों को बुला रहे हैं।

क्या कहते हैं जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी? 

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी दिनेश कुमार के मुताबिक, स्वेटर वितरण भी जरूरी काम है। स्वेटर वितरण के दौरान शारीरिक दूरी के मानक का पूरी गंभीरता के साथ पालन किया गया है।

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