यूपी विधानसभा सचिवालय की भर्ती प्रकिया रद करने के लिए हाई कोर्ट में याचिका, सरकार से मांगा जवाब
इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने उत्तर प्रदेश विधानसभा सचिवालय में सात दिसंबर 2020 को निकाली गयी विभिन्न भर्तियों केा रद करने की मांग पर राज्य सरकार को दस दिन में अपना संक्षिप्त प्रतिशपथपत्र दाखिल करने का आदेश दिया है।
लखनऊ, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने उत्तर प्रदेश विधानसभा सचिवालय में सात दिसंबर, 2020 को निकाली गयी विभिन्न भर्तियों केा रद करने की मांग पर राज्य सरकार को दस दिन में अपना संक्षिप्त प्रतिशपथपत्र दाखिल करने का आदेश दिया है। यह कहते हुए कि मामले में विचार करने की आवश्यकता है कोर्ट ने अगली सुनवायी 28 जून को नियत की है।
यह आदेश जस्टिस चंद्र धारी सिंह की एकल पीठ ने अंकुर सरोह व एक अन्य की ओर से दाखिल याचिका की वचुर्अल सुनवाई करते हुए पारित किया। याचिका में कहा गया है कि पूरी भर्ती प्रकिया में बड़े पैमाने पर धांधली की गई है। याचियों की ओएमआर शीट को संदर्भित करते हुए कहा गया है कि उसके मुख्य परीक्षा में 190 अंक आए थे, जबकि कुछ अभ्यर्थियों की ओएमआर शीट व उत्तर पुस्तिका को संदर्भित करते हुए कहा गया कि उनके प्रारंभिक परीक्षा में 100 में से सात अंक व मुख्य परीक्षा में 200 में से 10 अंक आए थे, तो भी उनका चयन हो गया। आरेाप लगाया गया कि इससे प्रतीत हेाता है कि परीक्षा में बड़े स्तर पर धांधली हुई है। अत: पूरी परीक्षा रद की जाए।
वहीं जिन ओएमओर शाीट पर भरेासा करके याचियों ने परीक्षा में धांधली का आरोप लगाया उनकी बाबत सरकारी वकील ने कहा कि उक्त ओएमआर शीटों से छेड़छाड़ की गई है। उन्होंने इस बाबत अपना संक्षिप्त शपथपत्र दाखिल करने के लिए कोर्ट से दस दिन का समय मांगा, जिसे कोर्ट ने प्रदान कर दिया।