महाराजा सुहेलदेव के किले में लोगों के घुसने से माहौल गर्म, अंबेडकरनगर प्रशासन ने लगा रखी है प्रवेश पर रोक
अयोध्या-वाराणसी रोड पर मालीपुर क्षेत्र में सुरहुरपुर गांव के पास सड़क के दोनों ओर करीब 12 बीघे में फैला खंडहर है। इसे 11वीं सदी में विदेशी आक्रांता महमूद गजनवी के सेनापति सैय्यद सलार मसूद गाजी की बलि लेने वाले महाराजा सुहेलदेव का किला बताया जाता है।
अंबेडकरनगर, संवाद सूत्र। कानूनी तौर पर आम आदमी का प्रवेश वर्जित किए जाने का बोर्ड लगा होने के बावजूद महाराजा सुहेलदेव के किले के ऊपरी हिस्से में बने शाहनूर के मजार पर समुदाय विशेष के लोगों का आवागमन जारी है। यहां पूर्व में तैनात पुलिसकर्मियों को भी हटा लिया गया है।
अयोध्या-वाराणसी रोड पर मालीपुर क्षेत्र में सुरहुरपुर गांव के पास सड़क के दोनों ओर करीब 12 बीघे में फैला खंडहर है। इसे 11वीं सदी में विदेशी आक्रांता महमूद गजनवी के सेनापति सैय्यद सलार मसूद गाजी की बलि लेने वाले महाराजा सुहेलदेव का किला बताया जाता है। इसी किले के ऊपरी हिस्से में बाबा शाहनूर की मजार भी है। अवध गजेटियर समेत अन्य साक्ष्यों के आधार पर भाजपा नेता अरविंद पांडेय ने इसे खाली कराने के लिए जिलाधिकारी आदि से शिकायत की थी। बाद में दो समुदायों में विवाद पर उपजिलाधिकारी ने यहां आमजन का प्रवेश वर्जित होने का बोर्ड लगवाकर पुलिस का पहरा बैठा दिया। दो माह तक पुलिस का दिन-रात पहरा रहा। इससे आमजन का आवागमन बंद रहा।
कुछ महीनों पहले शहजादपुर से रात में चुपके से यहां आए दो लोगों को पुलिस ने हिरासत में लेकर उनका शांतिभंग में चालान भी किया था। अब पुलिस का पहरा हटने व नए थानाध्यक्ष की तैनाती के बाद मुस्लिम धर्म से जुड़े लोगों का आना-जाना जारी है। गुरुवार को मुस्लिम महिलाओं पुरुषों के पहुंचने से यहां का माहौल गर्म हो गया। स्थानीय निवासी राकेश पांडेय, दिनेश शर्मा समेत अन्य ने मजिस्ट्रेट के आदेश का पालन कराने की अपील की है। शिकायतकर्ता अरङ्क्षवद पांडेय का कहना है एक धर्म से जुड़े लोग यहां पहुंचकर मजिस्ट्रेट के आदेश की अवहेलना कर सांप्रदायिक सौहार्द बिगाडऩा चाहते हैं। जिलाधिकारी से शिकायत करूंगा। सीओ केके शुक्ल से बात करने की कोशिश की गई, लेकिन उनका मोबाइल फोन नाट रिचेबल बताता रहा।