लखनऊ : अभियंताओं की अनदेखी से बिजली चोर बेलगाम, कटिया हटाने को कहा तो फोड़ दिया सिर
लखनऊ के चिनहट खंड के लौलाई उपकेंद्र से पोषित माधव ग्रीन में उपभोक्ताओं ने उस समय बिजली टीम पर हमला कर दिया जब चेकिंग हो रही थी। टीजी टू अमित कुमार पांडे ने कटिया हटाने का दबाव बनाया था। जिसके बाद लोगों ने उनकी पिटाई कर दी।
लखनऊ, जेएनएन। चिनहट खंड के लौलाई उपकेंद्र से पोषित माधव ग्रीन में उपभोक्ताओं ने उस समय बिजली टीम पर हमला कर दिया, जब चेकिंग हो रही थी। टीजी टू अमित कुमार पांडे ने कटिया हटाने का दबाव बनाया था। यह बात बिजली चोरों को खराब लगी, पहले कहासुनी हुई। फिर दोनों ओर से हाथापाई शुरू हो गईद। बिजली चोर संख्या में ज्यादा होने के कारण टीजी टू की पिटाई कर दी। साथ में मौजूद संविदा कर्मी अगर चाहते तो बीच बचाव कर सकते थे, लेकिन लाठ घूसे चलने पर वह भी अपनी जान बचाने के लिए इधर उधर भागने लगे। इसके कारण टीजी टू अमित कुमार पांडेय का सिर फट गया। मौके पर पहुंचे एसडीओ व जेई ने पीड़ित को प्राथमिक उपचार कराने के बाद चिनहट थाने में बिजली चोरी करने वालों के खिलाफ मारपीट व सरकारी काम में बाधा पहुंचाने का मामला दर्ज कराया है।
अवर अभियंता शिव नारायण पटेल ने चिनहट थाने में एफआइआर दर्ज कराते हुए आरोप लगाया है कि लौलई उपकेंद्र से पोषित माधव ग्रीन फीडर अत्यधिक लॉस पर चल रहा है। यहां लाइन हानियों को कम करने के लिए बिजली टीम 25 अक्टूबर की दोपहर दो बजे माधव ग्रीन के जी 99 भवन के पास पहुंची तो यहां कटिया से परिसर की बिजली चल रही थी। यहां टीम के सदस्य अमित कुमार पांडे, जोबू राम, संविदा कर्मी बृजेश कुमार, अकुशल श्रमिक सूरज सिंह और हरिकेश सिंह ने उपभोक्ता से कटिया हटाने को कहा। इससे नाराज बिजली चोरों से बिजली कर्मियों की कहासुनी बढ़ गई। तहरीर के मुताबिक बिजली टीम ने भी गलत काम करने की नसीहत देते हुए पूरा वीडियो बना लिया। इससे नाराज उपभोक्ता अशोक कुमार पांडेय व सत्यम कुमार पांडे अपने अन्य दो साथियों के साथ टीम के सदस्यों पर हमला कर दिया। इससे अमित को गंभीर चोटें आई हैं।
माधव ग्रीन में सालों से हो रही है चोरी
माधव ग्रीन सिटी एक दशक से तैयार हो रही हैं। कई सौ एकड़ में फैली सिटी में बिजली का पूरा इंफ्रास्ट्रक्चर नियमानुसार फैला हुआ है। यहां रहने वाले दर्जनों लोग मकान बनवाते वक्त कटिया का इस्तेमाल करते हैं। यही नहीं न्यू एमिटी कैंपस के सामने से माधव ग्रीन सिटी करीब डेढ़ से दो किमी. अंदर है। यहां टीम अगर नियमित दौरा करके तो माधव ग्रीन फीडर जो अभी लॉस में चल रहा है, उसके दिन अच्छे आ सकते हैं। यहां अन्य सोसाइटी भी पूरी तरह विकसित हो चुकी हैं। ऐसे कोलोनाइजरों पर पहले के अभियंताओं की मेहरबानी रही है।