Ramadan 2021: इबादत में बीत रहे माह-ए-रमजान के रोजे, मौसम में बदलाव से रोजेदाराें को मिली राहत
अल्लाह की रहमत के माह-ए-रमजान के चौथे दिन शनिवार को एक ओर जहां घरों में इबादत की गई वहीं कोरोना काल का असर भी इबादत में दिख रहा है। रमजान-ए-पाक के चौथे दिन परिवार के बीच कुरआन पाक को पढ़ा और यतीमों को इफ्तारी देने का संकल्प दोहराया।
लखनऊ, जेएनएन। अल्लाह की रहमत के माह-ए-रमजान के चौथे दिन शनिवार को एक ओर जहां घरों में इबादत की गई वहीं कोरोना काल का असर भी इबादत में दिख रहा है। रमजान-ए-पाक के चौथे दिन परिवार के बीच कुरआन पाक को पढ़ा और यतीमों को इफ्तारी देने का संकल्प दोहराया । मौसम का ऐसा रहा कि रोजेदारों ने राहत महसूस की। घरों में कुरआन पाक का बढ़ा तो मस्जिदों में सीमित संख्या में रोजेदारों ने नमाज अदा की। मौलानाओं की अपील की असर भी नजर आया। कोरोना संक्रमण काल में खुद के साथ दूसरे को सुरक्षित रखने की गुजारिश करके मौलानाओं ने अपना फर्ज निभाया।
इमाम ईदगाह मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि यह समय ऐसा कि हम सबको बचने का प्रयास करना है। कोरोना संक्रमण किसी को भी हो सकता है, ऐसे में सावधानी ही बचाव है। संक्रमण की वजह से रमजान का बाजार भले ही ठंडा रहा, लेकिन सुबह हल्की बारिश से रोजेदारों ने राहत महसूस की। हालांकि सड़कों पर रोजेदार नजर नहीं आए। शाम को इफ्तारी के पहले भी मौसम में बदलाव से रोजेदारों ने राहत महसूस की।
कोरोना मुक्ति की दुआ: शिया और सुन्नी दोनों मौलानाओं ने घरों में रहकर खुदा से कोरोना मुक्ति की दुआ करने की अपील की है। मौलाना कल्बे जवाद का कहना है कोई भी मस्जिद में न जाए और घरों में ही इबादत करें और कोरोना सेे मुक्ति में प्रशासन का सहयोग करें। इमाम ईदगाह मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि कोरोना संक्रमण का असर समाज पर दिखने लगा। धर्म जाति से ऊपर उठकर सभी लोग सहयोग करें।
इफ्तारी-रविवार की शाम
सुन्नी-6:35 बजे
शिया-6:44
सहरी सोमवार की सुबह
सुन्नी-4:11 बजे
शिया-4:05 बजे