Ramadan 2021: लोगों की मदद और इबादत में बीत रहा माह-ए-रमजान का आखिरी अशरा
मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने बताया कि तीशरा अशरा चल रहा है। अंतिम अशरा लोगों की मदद के लिए होता है। मौलाना कल्बे जवाद ने ईद पर कुछ हिदायतें बरतने की गुजारिश भी की है। उनका कहना है कि सभी लोग संक्रमण को देखते हुए घर में नमाज पढ़े।
लखनऊ, जेएनएन। अल्लाह की रहमत के माह-ए-रमजान में एक ओर जहां घरों में इबादत का दौर जारी है तो दूसरी ओर सभी पर अल्लाह की बरकत बरसे, इसकी दुआ भी रोजेदार कर रहे हैं। कोरोना संक्रमण के चलते रोजे के 25वें दिन शनिवार को भी रोजेदारों ने घरों में ही नमाज पढ़ी। नमाज के साथ घरों में ही रोजेदारों ने इबादत कर संक्रमण से मुक्ति की दुआ मांगी। रोजेदारों ने परिवार के बीच कुरआन पाक को पढ़ा और यतीमों को इफ्तारी देने का संकल्प दोहराया । मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने बताया कि तीशरा अशरा चल रहा है। अंतिम अशरा लोगों की मदद के लिए होता है। मौलाना कल्बे जवाद ने ईद पर कुछ हिदायतें बरतने की गुजारिश भी की है। उनका कहना है कि सभी लोग संक्रमण को देखते हुए घर में ही नमाज पढ़े। ईद पर भी एहतियात बरते।
ईद के पहले दें गरीबों को जकात: शहर-ए-काजी मुफ्ती इरफान मियां फिरंगी महली ने कहा ज़कात की तकसीम के कानून खुद अल्लाह ने तय कर दिए हैं। इसलिए ये जरूरी है कि हम ज़कात देने से पहले परख लें कि जिसे हम जकात दे रहे हैं वह कुरआन और हदीस की रोशनी में इसके पात्र हैं या नहीं। दरअसल ज़कात का मकसद ही है कि गरीब और लाचार लोगों की जरूरत को पूरा किया जाए। ईद के पहले देना जरूरी है।
बाजारों में सन्नाटा: कोरोना संक्रमण के चलते ईद की खरीदारी भी प्रभावित है। लॉकडाउन की वजह से कपड़े की दुकानें बंद हैं। चिकन और जरजोदी का कारोबार भी ठंडा है। कारीगर भी ईद को लेकर परेशान हैं। कमाई का जरिया भी पिछली ईद की तरह बंद हो चुका है। खुद को बचाने की चुनौती के बीच घर का खर्च चलाना भी भारी पड़ रहा है।
इफ्तारी-रविवार की शाम
सुन्नी-6:46 बजे
शिया-6:56 बजे
सहरी सोमवार की सुबह
सुन्नी-3:49 बजे
शिया-3:42 बजे