Third wave of corona virus: जंग से पहले तैयार होंगे बच्चों के डाक्टर, इन पांच बिंंदुओं पर रहेगा फोकस
Preparations to avoid the third wave of coronavirus पीजीआइ व केजीएमयू के कंधों पर 52 मेडिकल कालेज के डाक्टरों को प्रशिक्षित करने का जिम्मा। यूपी ने इस मामले में अन्य राज्यों से एक कदम आगे रहते हुए त्वरित कार्रवाई भी शुरू कर दी है।
लखनऊ, [धर्मेन्द्र मिश्रा]। देश भर में कोरोना की दूसरी लहर के मंद पडऩे के संकेतों के बीच ही अब सबसे खतरनाक मानी जा रही तीसरी लहर से जंग की तैयारी शुरू हो गई है। केंद्र सरकार के निर्देश पर देश भर में बाल रोग चिकित्सकों को विशेष रूप से प्रशिक्षित करने का प्लान तैयार किया गया है। यूपी ने इस मामले में अन्य राज्यों से एक कदम आगे रहते हुए त्वरित कार्रवाई भी शुरू कर दी है।
संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआइ) के निदेशक व तीसरी लहर नियंत्रण के लिए प्रदेश में गठित एडवाइजरी कमेटी के अध्यक्ष बनाए गए डा. आरके धीमन ने कहा कि सोमवार से ही प्रदेश के मेडिकल कालेजों में तैनात बच्चों के डाक्टरों को प्रशिक्षण देने का कार्य आरंभ हो जाएगा। सबसे पहले प्रयागराज के मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज के 27 डाक्टरों को प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके बाद हर बैच में 60 से 80 बाल रोग विशेषज्ञों को प्रशिक्षित किया जाएगा। केजीएमयू व एसजीपीजीआइ मिलकर प्रदेश के 52 मेडिकल कालेज के डाक्टरों को प्रशिक्षण देगा।
दो से 18 वर्ष आयु वर्ग के लोग हाईरिस्क पर
डा. धीमन ने बताया कि तीसरी लहर में कोविड के निशाने पर वह लोग ज्यादा रहेंगे, जो अब तक संक्रमित नहीं हुए या जिन्हें वैक्सीन नहीं लगी। दो से 18 वर्ष तक के बच्चे इस बार हाईरिस्क पर हैं। उन्हें कोविड संक्रमण से बचाने के लिए अभी से मजबूत तैयारी करनी होगी। जिलों में पीडियाट्रिक आइसीयू बनाने होंगे। सभी शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञों को तकनीकी व कोविड प्रोटोकाल और उसके उपचार की बारीकियां समझानी होंगी, इसीलिए यह कार्य प्रारंभ किया जा रहा है। प्रदेश भर में पीडियाट्रिक आइसीयू संचालन में इन प्रशिक्षित डाक्टरों की भूमिका सबसे अहम होगी।
पांच बिंदुओं पर फोकस : डा. धीमन ने कहा कि कोविड की तीसरी लहर से जंग के लिए पांच बिंदुओं पर फोकस है। इंफ्रास्ट्रक्चर : इसके तहत पीडियाट्रिक आइसीयू, एनआइसीयू, पीआइसीयू व एचडीयू तैयार करने होंगे। प्रशिक्षण : इसके तहत हमारे पास जितने भी शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ हैं, सभी को प्रशिक्षित करना होगा। वैक्सीनेशन : यदि 18 वर्ष के ऊपर के अधिकांश लोग वैक्सीनेटेड हो जाएं तो उनके जरिए बच्चों में संक्रमण की संभावना कम होगी या माइल्ड संक्रमण ही होगा। कोविड अनुकूल व्यवहार (कैब) : इसके तहत हमें शारीरिक दूरी, मास्क, हाईजीन, घर में साफ-सफाई इत्यादि का ध्यान रखना होगा। घर में रहें : यह सबसे महत्वपूर्ण बिंदु है कि बच्चों को अगले कुछ महीनों तक घर से बाहर नहीं जाने देना है। केस कम होने के बाद भी उन्हें बाजार, पार्टी, शादी-ब्याह, मॉल में नहीं ले जाएं। स्कूल तो बंद ही रहेंगे। तभी तीसरी लहर को मात दी जा सकेगी।