लखनऊ में कोविड रिपोर्ट के बिना रेमेडिसिवर की डोज-मौत, इलाज के नाम पर साढ़े तीन लाख वसूले
परिजनों के मुताबिक 19 तारीख को भाई राजन वर्मा ने चौक स्थित हेरिटेज हॉस्पिटल में भर्ती कराया। राजन के मुताबिक यहां अंकित का ऑक्सीजन स्तर कम बताकर आईसीयू में भर्ती कर दिया गया। इसके बाद डॉक्टर ने जान बचाने के लिए तत्काल रेमेडिसिवर इंजेक्शन लाने के लिए कहा।
लखनऊ, जेएनएन। इंदिरा नगर सेक्टर 18 निवासी अंकित वर्मा (29) को 17 अप्रैल को बुखार आने के कुछ दिन बाद उसकी सांसें फूलने लगी। परिवारीजन अस्पताल ले गए। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर ने बिना कोविड रिपोर्ट के ही रेमेडिसिवर का इंजेक्शन लगा दिया। इसके बाद उसकी हालत खराब हुई, और फिर मौत हो गई। परिजनों के मुताबिक 19 तारीख को भाई राजन वर्मा ने चौक स्थित हेरिटेज हॉस्पिटल में भर्ती कराया। राजन के मुताबिक यहां अंकित का ऑक्सीजन स्तर कम बताकर आईसीयू में भर्ती कर दिया गया। इसके बाद डॉक्टर ने जान बचाने के लिए तत्काल रेमेडिसिवर इंजेक्शन लाने के लिए कहा। राजन इधर- उधर संपर्क कर कई गुना महंगा रेमेडिसिवर इंजेक्शन खरीद कर लाये। आरोप है कि डॉक्टर ने बिना कोविड टेस्ट कराए ही डबल डोज दे दी। इसके चलते अंकित की हालत बिगड़ गई और गुरुवार देर रात अंकित की मौत हो गई। परिवारजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया।
हालत बिगड़ने पर रोकी अगली डोज
परिजनों के अनुसार अंकित का कोरोना टेस्ट नहीं कराया। इसके बावजूद पहले ही दिन रेमेडिसिवर इंजेक्शन की डोज दे दी। इसकारण अंकित की हालत बिगड़ गई। इसके बाद अगली डोज नहीं लगाई। डॉक्टर बिना रिपोर्ट के ही इलाज करते रहे। इलाज में लापरवाही से मौत हो गई । मामले की शिकायत सीएम पोर्टल व चौक पुलिस से की गई।
इलाज के नाम पर साढ़े तीन लाख वसूले
राजन के मुताबिक 16 हजार रुपये प्रति वायल रेमेडिसिवर की खरीदारी की। वहीं आईसीयू व अन्य रिपोर्ट के नाम पर दवा के साढ़े तीन लाख वसूले गये। लेकिन भाई अंकित की जान नहीं बच सकी। अंकित की अभी महज चार साल पहले शादी हुई थी । वह एनजीओ चलाते थे । मामले पर हेरिटेज अस्पताल के डॉ वीरेंद्र से बात करने की कोशिश की गई ,मगर उनका नंबर पहुंच से बाहर बताता रहा।