मेट्रो स्टेशनों पर स्वचालित सीढि़यां बंद होने से यात्री परेशान

लखनऊ जेएनएन। ऊर्जा संरक्षण अब मेट्रो के यात्रियों को भारी पड़ रहा है। खासतौर से वरिष्ठ न

By JagranEdited By: Publish:Fri, 30 Oct 2020 01:47 AM (IST) Updated:Fri, 30 Oct 2020 01:47 AM (IST)
मेट्रो स्टेशनों पर स्वचालित सीढि़यां बंद होने से यात्री परेशान
मेट्रो स्टेशनों पर स्वचालित सीढि़यां बंद होने से यात्री परेशान

लखनऊ, जेएनएन। ऊर्जा संरक्षण अब मेट्रो के यात्रियों को भारी पड़ रहा है। खासतौर से वरिष्ठ नागरिकों के लिए। ऐसे मेट्रो के यात्रियों को प्लेटफार्म तक जाने और आने के लिए स्वचालित सीढि़यों के बजाए सामान्य सीढि़यां इस्तेमाल करनी पड़ती है, इससे यात्री परेशान हो रहे हैं। क्योंकि लखनऊ मेट्रो ने अपने नार्थ साउथ कॉरिडोर के छह स्टेशनों पर लगी स्वचालित सीढि़यां बिजली बचाने के चक्कर में बंद कर रखी है। यह स्टेशन अमौसी, ट्रांसपोर्ट नगर मेट्रो स्टेशन, आलमबाग, मवैया, चारबाग स्टेशन का गेट नंबर चार और लेखराज स्टेशन की स्वचालित सीढि़यां कभी-कभी बिना किसी पूर्व सूचना के बंद कर दी जाती है। इससे महिलाओं व वरिष्ठ नागरिक सबसे ज्यादा परेशान हैं।

नार्थ साउथ कॉरिडोर के 23 किमी. मेट्रो रूट पर यात्रियों की सुविधा के लिए स्वचालित सीढि़यां लगाने के साथ ही लिफ्ट भी लगाई थी। लॉक डाउन के बाद से मेट्रो में यात्रियों का ग्राफ बहुत ज्यादा नहीं बढ़ सका। सात सितंबर 2020 से मेट्रो का संचालन हो रहा है, परिचालन से जुड़े अधिकारियों की लाख कोशिशों के बाद भी जो ग्राफ यात्रियों का होना चाहिए, वह आधा भी नहीं हो पाया है। इसको लेकर उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक कुमार केशव स्वयं मोर्चा संभाले हैं, इसके बाद भी पंद्रह से अठारह हजार के बीच यात्रियों की संख्या घूम रही है। मेट्रो ने अपने खर्चे कम करने के लिए बिजली बचाने का बीड़ा उठाया था, यह सफल भी रहा, लेकिन इससे जो यात्री मेट्रो से सफर करने के लिए आ रहे थे, वह सुविधा कम होते देख खिच रहे हैं। यात्री सुविधाओं में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं है। सभी स्टेशनों पर स्वचालित सीढि़यां चल रही हैं। कुछ स्टेशनों पर यात्रियों की संख्या कम थी, सुबह, दोपहर और रात आठ बजे के बाद यात्रियों का ग्राफ कई स्टेशनों पर काफी हो जाता था, उस समय कुछ स्टेशनों पर यह प्रयोग किया गया था। अब फिर से इसे चालू करने के निर्देश दे दिए गए हैं।

कुमार केशव, एमडी, यूपीएमआरसी

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