Indian Railway Hospital: आठ अगस्त से लखनऊ रेलवे अस्पताल के प्लांट से मिलेगी आक्सीजन, कोरोनाकाल में निभायी महत्वपूर्ण भूमिका
कोरोना की पहली और दूसरी लहर में कोविड केयर सेंटर के रूप में मरीजों की जान बचाने वाले उत्तर रेलवे के मंडल अस्पताल को अब भरपूर संजीवनी मिलेगी। अस्पताल में आठ अगस्त से आक्सीजन प्लांट शुरू हो जाएगा। इस प्लांट से 250 बेड को 500 लीटर आक्सीजन प्रति मिनट मिलेगी।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। कोरोना की पहली और दूसरी लहर में कोविड केयर सेंटर के रूप में कोविड मरीजों की जान बचाने वाले उत्तर रेलवे के मंडल अस्पताल को अब भरपूर संजीवनी मिलेगी। इस अस्पताल में आठ अगस्त से आक्सीजन प्लांट शुरू हो जाएगा। इस प्लांट से 250 बेड को 500 लीटर आक्सीजन प्रति मिनट मिलेगी।
कोरोना की पहली लहर में इस अस्पताल में एक हजार कोविड-19 संक्रमित मरीजों की भर्ती की गई थी। हालांकि तब अस्पताल को आक्सीजन के संकट का सामना नहीं करना पड़ा था। दूसरी लहर में इस अस्पताल को आक्सीजन की व्यवस्था करने में खासी दिक्कत हुई। जिला प्रशासन से आक्सीजन की आपूर्ति न होने पर यहां मरीजों को भर्ती न करने की नोटिस तक लगाना पड़ा।
डीआरएम संजय त्रिपाठी ने वाराणसी और दिल्ली के शकूर बस्ती डिपो से ट्रेनों से लिक्विड मेडिकल आक्सीजन के सिलिंडर मंगवाए गए। इस बीच मंडल प्रशासन ने रेलवे बोर्ड को अस्पताल में आक्सीजन प्लांट लगाने का प्रस्ताव भेजा। रेलवे बोर्ड ने 70 लाख रुपये आक्सीजन प्लांट लगाने के लिए मंजूर कर दिए। एक निजी कंपनी की मदद से इस प्लांट को लगाने का काम शुरू किया गया। अस्पताल में प्लांट लगाने के लिए जगह को चिन्हित कर उनको सभी 250 बेड से जोडऩे के लिए पाइप लाइन बिछाने का काम शुरू किया गया। यह काम लगभग पूरा हो गया है। आक्सीजन प्लांट भी अस्पताल आ गया है। अब आठ अगस्त को इस प्लांट को लगाकर आक्सीजन की आपूर्ति शुरू हो सकेगी। इससे अस्पताल सभी 250 बेड का इस्तेमाल कर सकेगा।