Oxygen Crisis in Lucknow: बलरामपुर समेत 60 से ज्यादा COVID अस्पतालों में आक्सीजन संकट, 30 हजार से अधिक मरीजों की जान खतरे में

लखनऊ के कोविड अस्पतालों में खपत की आधी मात्रा की भी नहीं हो पा रही है ऑक्सीजन की आपूर्ति गैस कंपनियों के बाहर लगाई गई सुरक्षा। कई अस्पतालों ने भर्ती मरीजों को बाहर निकालना शुरू कर दिया है। 30 हजार से अधिक मरीजों की जान पड़ी खतरे में।

By Rafiya NazEdited By: Publish:Thu, 22 Apr 2021 06:30 AM (IST) Updated:Thu, 22 Apr 2021 12:11 PM (IST)
Oxygen Crisis in Lucknow: बलरामपुर समेत 60 से ज्यादा COVID अस्पतालों में आक्सीजन संकट, 30 हजार से अधिक मरीजों की जान खतरे में
लखनऊ में ऑक्सीजन की आपूर्ति, गैस कंपनियों के बाहर लगाई गई सुरक्षा।

लखनऊ, जेएनएन। राजधानी में कई दिनों से आक्सीजन संकट लगातार गहराता ही जा रहा है। बुधवार को बलरामपुर, लोकबंधु कोविड अस्पताल समेत पांच दर्जन से अधिक निजी अस्पतालों में आक्सीजन की भारी किल्लत पैदा हो गई है। कई अस्पतालों ने भर्ती मरीजों को बाहर निकालना शुरू कर दिया है। वहीं अन्य अस्पतालों ने अपने यहां आक्सीजन खत्म होने की सूचना देकर मरीजों की जिम्मेदारी लेने से हाथ खड़े कर दिए हैं। ज्यादातर अस्पतालों में एक घंटे से लेकर 24 घंटे तक का ही आक्सीजन शेष रह गया है। इससे यहां भर्ती करीब 10 हजार मरीजोंं की जान खतरे में पड़ गई है। वहीं आक्सीजन नहीं मिलने का कुप्रभाव होम आइसोलेशन में सिलिंडर के सहारे जिंदगी से संघर्ष कर रहे इससे भी दोगुना की संख्या में लोग भर्ती व आक्सीजन के अभाव में दम तोड़ने को मजबूर हैं। उन्हें न तो कहीं आक्सीजन की व्यवस्था हो रही है और न ही भर्ती की। आक्सीजन खत्म होने की बात कहकर भर्ती मरीजों की अस्पताल से जबरन छुट्टी की जा रही है। इससे चारों तरफ हाहाकार मच गया है। उधर सीएमओ से लेकर अन्य अफसरों ने फोन उठाना बंद कर दिया है। 

नॉन कोविड में भी किल्लत: अब ज्यादातर कंपनियों ने नॉन कोविड अस्पतालों को ऑक्सीजन देने से इंकार कर दिया है। इससे सामान्य त गंभीर मरीजों का इलाज प्रभावित होने लगा है। गोमतीनगर स्थित मेयो हॉस्पिटल ने अपने यहां सूचना चस्पा कर आक्सीजन नहीं होने की चेतावनी दी। साथ ही भर्ती मरीजों को निकालना भी शुरू कर दिया। निदेशक डा. मधूलिका सिंह ने कहा कि हमारे पास आक्सीजन नहीं है। लिहाजा मरीजों को इसके बगैर तड़प कर मरता हुआ नहीं देख सकते। उन्होंने कहा कि हफ्तों से डिमांड की जा रही है, लेकिन सप्लाई उपलब्ध नहीं कराई जा रही। डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने 40 सिलिंडर रात में नहीं दिलाए होते तो उसी वक्त खतरा हो जाता। आपूर्ति करने वाली कंपनी ने मंगलवार को मेयो, विवेकानंद, टीएसएम और अथर्व अस्पताल को चेतावनी दी थी। बलरामपुर कोविड हॉस्पिटल में 290मरीज मरीज भर्ती हैं। अस्पताल के निदेशक डॉ. राजीव लोचन के मुताबिक 24 घंटे की ऑक्सीजन बची है।

डीआरडीओ से 40 सिलेंडर आ गए हैं। इसी तरह 30 सिलेंडर दूसरी जगह से मिले हैं। जबकि निजी अस्पतालों के लिए अभी कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए हैं। 5040 सिलिंडर का उत्पादन, आठ हजार से ज्यादा खपतलखनऊ में छह कंपनियां रोजाना 5040 ऑक्सीजन सिलिंडर उत्पादित कर रही हैं। इसके मुकाबले आठ हजार से ज्यादा की खपत हो रही है। इससे मुश्किलें बढ़ गई हैं। हालांकि पीजीआई, केजीएमयू, लोहिया संस्थान समेत कुछ अन्य निजी मेडिकल कॉलेजों में लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट लगे हैं। प्रत्येक टैंक की क्षमता 20 हजार किलो लीटर की है।

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