यूपी रेरा के 282 आदेशों में सुपरटेक ने सिर्फ 101 माने, एक सप्ताह का मांगा समय
उप्र भू संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) ने सुपरटेक बिल्डर के लंबित मामलों को लेकर नाराजगी जताई है। रेरा ने कहा कि अगर प्राेमोटर बिल्डर द्वारा शिथिलता बरती जाती है तो आवंटियों के हितों के संरक्षण के लिए रेरा अधिनियम की धारा 63 के अतिरिक्त अन्य प्राविधानों के तहत कार्यवाही होगी।
लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश भू संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) ने सुपरटेक लिमिटेड बिल्डर के लंबित मामलों को लेकर नाराजगी जताई है। रेरा के चेयरमैन राजीव कुमार ने कहा कि अगर प्राेमोटर बिल्डर द्वारा अगर शिथिलता बरती जाती है तो आवंटियों के हितों के संरक्षण के लिए रेरा अधिनियम की धारा 63 के अतिरिक्त अन्य प्राविधानों के तहत कार्यवाही की जाएगी। अब तक रेरा द्वारा सुपरटेक बिल्डर को रिफंड के लिए 282 आदेश पारित किए गए। वहीं कंपनी के विरुद्ध 249 वसूली प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं। सिर्फ सुपरटेक लिमिटेड द्वारा 101 मामलों का ही अनुपालन किया गया।
चेयरमैन राजीव कुमार ने रेरा के आदेशों का अनुपालन न होने पर अप्रसन्नता व्यक्त की और कंपनी सुपरटेक कंपनी को निर्देश दिए कि किसी विलंब के रेरा के आदेशों का अनुपालन सुनिश्चित करे। सुपरटेक कंपनी के चेयरमैन आरके अरोड़ा द्वारा आश्वासन दिया गया कि उनके द्वारा माह अगस्त के अंत तक कम से कम 70 प्रतिशत आदेशों का अनुपालन सुनिश्चित कर लिया जाए। रेरा द्वारा कंपनी के 933 आवंटियों के पक्ष में आवंटित अपार्टमेंट के कब्जे के आदेशों के अनुपालन की स्थिति पूरी हो चुकी है। बिल्डर द्वारा जानकारी दी गई है कि इनमें से 402 आवंटियों को कब्जा ऑफर किया जा चुका है। प्रमोटर द्वारा अवगत कराया गया है कि माह अगस्त तक कंपनी चार परियोजनाएं इको विलेज, इको विलेज टू, इको विलेज थ्री और सुपरटेक अपकंट्री की अक्यूपेंसी सर्टिफिकेट दो माह के अंदर प्राप्त कर लिया जाएगा और 140 आवंटियों को उक्त परियोजनाओं में कब्जा प्रदान कर दिया जाएगा।
अरोड़ा ने रेरा को आश्वासन दिया कि अगस्त 2021 तक प्राधिकरण के द्वारा पारित कब्जे के आदेशों के सापेक्ष सत्तर प्रतिशत आवंटियों को कब्जा दे दिया जाएगा। यही नहीं अरोड़ा ने कहा कि रेरा के आदेशों की परियोजनावार तथा शिकायतकर्तावार अनुपालन की कार्य योजना उत्तर प्रदेश रेरा में जमा कर दी जाएगी।रेरा में सुपरटेक की 40 परियोजनाएं पंजीकृत हैं। समीक्षा में पाया गया कि इनमें से 26 परियोजनाओं की पंजीयन अवधि समाप्त हो गई है। बिल्डर द्वारा आठ परियोजनाएं ही पूरी हो पायी हैं। समीक्षा बैठक में प्राधिकरण के सदस्य बलविन्दर कुमार, भानुप्रताप सिंह, कल्पना मिश्रा और सचिव राजेश कुमार त्यागी मौजूद रहे ।