Bharat Bandh in UP: यूपी में भारत बंद के लिए जूझा विपक्ष, सड़कों पर सपाई और कांग्रेसी नजरबंद

कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के समर्थन में भारत बंद कराने के लिए विपक्ष ने यूपी में खास जोर लगाया। सपा कार्यकर्ता पुलिस से जूझे तो कांग्रेस नेता नजरबंद किए जाने से कुछ ही जगह प्रदर्शन कर सके। आप भी सड़कों पर थी जबकि बसपा सैद्धांतिक समर्थन तक सीमित रही।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Tue, 08 Dec 2020 09:55 PM (IST) Updated:Wed, 09 Dec 2020 06:29 AM (IST)
Bharat Bandh in UP: यूपी में भारत बंद के लिए जूझा विपक्ष, सड़कों पर सपाई और कांग्रेसी नजरबंद
यूपी में कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसानों के समर्थन में 'भारत बंद' कराने के लिए विपक्ष ने जोर लगाया।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो] कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसानों के समर्थन में उत्तर प्रदेश में 'भारत बंद' कराने के लिए विपक्ष ने खास जोर लगाया। एक दिन पहले से ही माहौल बना चुके समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की हुंकार पर उनके कार्यकर्ता पुलिस से जमकर जूझे। विधायकों ने विधान भवन पर मौन धरना दिया। जगह-जगह प्रदर्शनकारी सपाइयों पर लाठीचार्ज कर गिरफ्तारी भी की गई। कांग्रेस ने भी हर जिले में धरना-प्रदर्शन की रणनीति बनाई थी, लेकिन नजरबंद किए जाने से कुछ ही जगह कार्यकर्ता प्रदर्शन कर सके। आम आदमी पार्टी भी सड़कों पर थी, जबकि बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती सैद्धांतिक समर्थन तक सीमित रहीं।

समाजवादी पार्टी ने किसानों के भारत बंद को पूर्ण समर्थन देते हुए कई जिलों में मंगलवार को किसान यात्राएं निकालीं। प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने फतेहपुर में देवमई ब्लॉक में किसान साइकिल यात्रा का नेतृत्व किया। लखनऊ में कुछ विधायक पुलिस को चकमा देकर विधान भवन स्थित चौधरी चरण सिंह के प्रतिमा स्थल तक पहुंचे और मौन धरना दिया। इनमें एमएलसी आनंद भदौरिया, सुनील सिंह साजन, उदयवीर सिंह, राजपाल कश्यप, वासुदेव यादव, संतोष यादव सनी, आशु मलिक और हीरालाल यादव शामिल हुए। पार्टी का दावा है कि उनके हजारों कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया।

सपा नेताओं की गिरफ्तारी अलोकतांत्रिक : पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पार्टी कार्यकर्ताओं, नेताओं, पदाधिकारियों को किसानों के समर्थन में साइकिल यात्राएं निकालने और भारत बंद में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के इशारे पर सपा नेताओं को घरों में नजरबंद करना, लाठीचार्ज और गिरफ्तारी अलोकतांत्रिक है। किसानों के संघर्ष में समाजवादी साथ खड़े रहेंगे। समाजवादी पार्टी के लोकतांत्रिक योद्धाओं की जितनी प्रशंसा की जाए, कम है। भाजपा हताश है, क्योंकि किसानों के साथ जनता भी जुड़ गई है। उन्होंने कहा कि जब सत्ता दमनकारी हो जाती है तो आंदोलन को क्रांति बनते देर नहीं लगती है।

पहरे में रहे कांग्रेसी, निकलते ही गिरफ्तार : हर जिला मुख्यालय पर धरना-प्रदर्शन की घोषणा कर चुके कांग्रेस नेताओं पर पुलिस की पूरी नजर रही। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के दौरे से मंगलवार सुबह अपने गृह जिले कुशीनगर के लिए लौट रहे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू की रास्ते में ही घेराबंदी कर ली गई। वहां से ले जाकर उन्हें घर में नजरबंद कर दिया गया। वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी प्रयागराज तो नेता विधान मंडल दल आराधना मिश्रा प्रतापगढ़ में नजरबंद रहीं। कुछ जिलों में कार्यकर्ता प्रदर्शन करने के लिए नजर बचाकर निकले तो प्रदर्शन करते उन्हें हिरासत में ले लिया गया।

प्रियंका बोलीं, आखिरी दम तक किसानों के साथ : कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव व उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका वाड्रा सुबह से ट्विटर पर मोर्चा संभाले थीं। वह हर जिले की रिपोर्ट लेकर ट्वीट कर रही थीं। उन्होंने सुबह ट्वीट किया- 'नाम किसान कानून, लेकिन सारा फायदा अरबपति मित्रों का। किसान कानून बिना किसानों से बात किए कैसे बन सकते हैं? उनमें किसानों के हितों की अनदेखी कैसे की जा सकती है? सरकार को किसानों की बात सुननी होगी। आइए मिलकर किसानों के समर्थन में आवाज उठाएं। शाम को उन्होंने दूसरा ट्वीट किया-'किसानों का साथ देने के लिए आज पूरे उप्र में कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को नजरबंद व गिरफ्तार किया जा रहा है। कड़कड़ाती ठंड में बैठे किसानों के लिए खेती, किसानी, एमएसपी बचाने के लिए ये करो या मरो की लड़ाई है। कांग्रेस कार्यकर्ता अपने आखिरी दम तक किसानों के साथ हैं।'

बसपा प्रदर्शन से दूर, आप कार्यकर्ता हिरासत में : किसान आंदोलन और भारत बंद का समर्थन बसपा प्रमुख मायावती सोमवार को ही ट्वीट के जरिए कर चुकी थीं। हालांकि, मंगलवार को हुए प्रदर्शन से उनकी पार्टी दूर ही रही। वहीं, आम आदमी पार्टी के भी कुछ कार्यकर्ता भारत बंद के समर्थन में प्रदर्शन करते हिरासत में ले लिए गए।

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