Ayodhya Ram Mandir: न‍िर्माण में पारंपरिक वास्तुविदों से ली जाएगी राय, 1900 करोड़ से अधिक राशि हुई जमा

Ayodhya Ram Mandir News मंदिर निर्माण की प्रक्रिया तय करने के लिए कार्यदायी संस्था एलएंडटी टाटा कंसल्टेंट इंजीनियर्स और आइआइटी चेन्नई के आधुनिक वास्तुविद् लगे हैं वहीं इस काम में पारंपरिक वास्तु शास्त्र के दिग्गज पद्मभूषण डॉ. नागस्वामी और चेन्नई के एन सुब्रमण्यम की भी सलाह ली जाएगी।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Thu, 25 Feb 2021 11:03 PM (IST) Updated:Fri, 26 Feb 2021 09:22 AM (IST)
Ayodhya Ram Mandir: न‍िर्माण में पारंपरिक वास्तुविदों से ली जाएगी राय, 1900 करोड़ से अधिक राशि हुई जमा
मंदिर निर्माण समिति की बैठक में सलाह के लिए तय किया गया पद्मभूषण डॉ. नागस्वामी एवं एन सुब्रमण्यम का नाम।

अयोध्या, जेएनएन। राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष एवं पीएमओ समेत अनेक महत्वपूर्ण पदों पर रहे सेवानिवृत्त आइएएस अधिकारी नृपेंद्र मिश्र ने गुरुवार को सर्किट हाउस में मैराथन बैठक के साथ निर्माण की प्रगति की समीक्षा की। रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष स्वामी गोवि‍ंंददेव गिरि एवं सदस्य अनिल मिश्र ने मीडिया को बैठक के बारे में जानकारी दी। स्वामी गोवि‍ंददेव ने बताया कि मंदिर निर्माण के लिए अब तक 1900 करोड़ से अधिक राशि एकत्र होने का अनुमान है।

मंदिर निर्माण की प्रक्रिया तय करने के लिए कार्यदायी संस्था एलएंडटी, टाटा कंसल्टेंट इंजीनियर्स और आइआइटी चेन्नई के आधुनिक वास्तुविद् लगे हैं, वहीं इस काम में पारंपरिक वास्तु शास्त्र के दिग्गज पद्मभूषण डॉ. नागस्वामी और चेन्नई के एन सुब्रमण्यम की भी सलाह ली जाएगी। डॉ.अनिल मिश्र ने बताया कि नींव की मिट्टी हटाए जाने का कार्य 60 प्रतिशत पूरा हो चुका है। कहीं-कहीं अपेक्षित 12 मीटर की गहराई तक खोदाई भी हो चुकी है। निकट भविष्य में इस मिट्टी की जांच के साथ नींव की भराई के लिए इंजीनियर्ड फिल्ड मैटेरियल का कंपोजीशन भी तय कर लिया जाएगा। उन्होंने विश्वास जताया कि मार्च तक तय समय में नींव की खोदाई पूरी कर ली जाएगी तथा इसके बाद नींव की भराई का काम शुरू होगा। बैठक में तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के एक अन्य सदस्य तथा अयोध्या राजपरिवार के मुखिया सहित एलएंडटी, टाटा कंसल्टेंट इंजीनियर्स और भवन निर्माण से जुड़े कुछ अन्य संस्थानों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।

दो दिन और रुकेंगे समिति अध्यक्ष

नृपेंद्र मिश्र रामनगरी में अगले दो दिन और प्रवास करेंगे। उनकी मुलाकात ली एसोसिएट के प्रतिनिधियों से भी संभावित है। ली एसोसिएट (नई दिल्ली) को सरकार ने अयोध्या के विश्वस्तरीय विकास का खाका खींचने की जिम्मेदारी सौंप रखी है। इसी कंपनी की सलाह पर वैश्विक महत्व की पर्यटन नगरी के रूप में अयोध्या को विकसित किए जाने की राह तय होनी है।

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