बिजली उपभोक्ताओं पर रेगुलेटरी सरचार्ज लगाने के खिलाफ ऑनलाइन याचिका दाखिल, आज होगी सुनवाई

उपभोक्ता परिषद ने प्रस्ताव पर नियामक आयोग के समक्ष उठाए कानूनी सवाल। कहा 90 दिनों के अंदर ही कर सकते हैं आदेश पर पुनर्विचार की मांग। कंपनियों के प्रस्ताव को अगर आयोग की मंजूरी मिलती है तो बिजली 12 फीसद तक महंगी हो सकती है।

By Divyansh RastogiEdited By: Publish:Mon, 17 May 2021 07:43 AM (IST) Updated:Mon, 17 May 2021 07:43 AM (IST)
बिजली उपभोक्ताओं पर रेगुलेटरी सरचार्ज लगाने के खिलाफ ऑनलाइन याचिका दाखिल, आज होगी सुनवाई
नियामक आयोग इस प्रस्ताव पर सोमवार को सुनवाई करेगा।

लखनऊ[राज्य ब्यूरो]। बिजली कंपनियों की ओर से उपभोक्ताओं पर रेगुलेटरी सरचार्ज बढ़ाने के प्रस्ताव के खिलाफ उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने रविवार को उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग के समक्ष ऑनलाइन याचिका दाखिल की है। उपभोक्ता परिषद ने बिजली कंपनियों के प्रस्ताव को असंवैधानिक घोषित करने के साथ नियामक आयोग से इसे खारिज करने की मांग की है।

  गौरतलब है कि बिजली कंपनियों ने उपभोक्ताओं पर रेगुलेटरी सरचार्ज लगाने का प्रस्ताव गुपचुप तरीके से नियामक आयोग में दाखिल किया है। कंपनियों ने प्रस्ताव में राज्य सरकार के एक पुराने आदेश का हवाला देकर कहां है कि उनका 49827 करोड़ रुपये उपभोक्ताओं पर निकल रहा है। लिहाजा उपभोक्ताओं पर रेगुलेटरी सरचार्ज लगाया जाए। कंपनियों के प्रस्ताव को अगर आयोग की मंजूरी मिलती है तो बिजली 12 फीसद तक महंगी हो सकती है। नियामक आयोग इस प्रस्ताव पर सोमवार को सुनवाई करेगा।

    इस बीच राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद की ओर से नियामक आयोग में दाखिल की गई ऑनलाइन याचिका में कहा गया है कि तीन सितंबर 2019 के टैरिफ आदेश को तीन साल के बाद संशोधित करने की बात करना विद्युत अधिनियम 2003 और नियामक आयोग द्वारा बनाए गए रेगुलेशन का उल्लंघन है। उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि आयोग के किसी भी आदेश पर पुनर्विचार की मांग आदेश जारी होने के अधिकतम 90 दिन के अंदर की जा सकती है। इसके विपरीत आयोग में रेगुलेटरी सरचार्ज लगाने का प्रस्ताव सुनवाई से मात्र दो दिन पहले दाखिल किया गया है। यह पूरी तरह गलत है और सुनवाई का हिस्सा नहीं है। इसे अविलंब खारिज किया जाना चाहिए। इसके लिए बिजली कंपनियों के खिलाफ कठोर कार्यवाही भी की जानी चाहिए।

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