दुबई में नौकरी दिलाने के नाम पर कोविड जांच कराके ठगे लाखों रुपये, एक गिरफ्तार-महिला ठग की तलाश

लखनऊ ठगी करने वाले गिरोह पर गुडंबा में दर्ज हुआ था मुकदमा गुडंबा पुलिस ने एक को किया गिरफ्तार। सरगना और एक महिला समेत तीन की तलाश। रिसेप्शनिस्ट फोन पर मीठी आवाज में फंंसाती थी शिकार फिर डील करता था सरगना।

By Divyansh RastogiEdited By: Publish:Sat, 16 Jan 2021 07:20 PM (IST) Updated:Sun, 17 Jan 2021 09:18 AM (IST)
दुबई में नौकरी दिलाने के नाम पर कोविड जांच कराके ठगे लाखों रुपये, एक गिरफ्तार-महिला ठग की तलाश
लखनऊ: रिसेप्शनिस्ट फोन पर मीठी आवाज में फंंसाती थी शिकार, फिर डील करता था सरगना। (इसनेट में गिरफ्तार आरोपि‍त )

लखनऊ, जेएनएन। खाड़ी देश में नौकरी दिलाने का झांसा देकर बेरोजगारों से लाखों रुपये की ठगी करने वाले गिरोह के एक सदस्य शुभम श्रीवास्तव को शनिवार को गुडंबा पुलिस ने धर दबोचा। हालांकि, गिरोह का सरगना विशाल और एक महिला समेत तीन अभी भी फरार हैं। तीनों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की तीन टीमें दबिश दे रही हैं। तीनों बेरोजगारों ने गुडंबा थाने में मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिसेप्शनिस्ट महिला की अहम भूमिका...  

इंस्पेक्टर गुडंबा फरीद अहमद ने बताया कि गिरफ्तार जालसाज शुभम श्रीवास्तव सुलतानपुर कादीपुर का रहने वाला है। वह यहां बीकेटी के नबी कोट नंदना में किराए पर रह रहा था। गिरोह का मुख्य आरोपित विशाल विजयंत खंड गोमतीनगर का रहने वाला है। उसने शुभम, अनूप सिंह और आकांक्षा शुक्ला के साथ मिलकर मुंशी पुलिया स्थित प्राइम प्लाजा में आफिस खोल रखा था। विशाल ने लोगों को विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर काफी प्रचार प्रसार भी किया था। प्रचार प्रसार देखकर झांसे में सोनू खरवार और उमेश निवासी कुशीनगर पडऱौना, शिवशंकर निवासी फतेहपुर बिंदकी जफरगंज आ गए। जानकारी के लिए फोन करने पर रिसेप्शनिस्ट महिला ने मीठी बातें कर शिकार को फंसा लिया। फिर सरगना विशाल ने साथी शुभम के साथ मिलकर तीनों को दुबई में नौकरी दिलाने का झांसा दिया। तीनों के पासपोर्ट ले लिए। वीजा बनवाने के नाम पर पहले तीनों से 60-60 हजार रुपये लिए। उसके बाद प्रत्येक से मेडिकल के नाम पर 30 हजार रुपये और कोविड जांच के नाम पर 18 हजार प्रत्येक से लिए। उसके बाद उन्हें फर्जी वीजा थमा दिया।

एयरपोर्ट पहुंचने पर पता चला, फर्जी है वीजा जालासाजों ने बंद कर लिए मोबाइल: इंस्पेक्टर फरीद अहमद के मुताबिक, कंपनी के जालसाज विशाल और शुभम ने सोनू खरवार, उमेश और शिवशंकर को कहा कि वह अपना बैग लेकर विदेश जाने के लिए चार जनवरी को अमौसी एयरपोर्ट पहुंचे। वहां पर काफी देर तक खड़े रहें पर विशाल और शुभम नहीं पहुंचे। उन्हें फोन किया तो नंबर स्विच ऑफ मिले। इसके बाद ठगी की आशंका होने पर एयरपोर्ट पर वीजा की जांच कराई तो वह फर्जी निकला। इंस्पेक्टर ने बताया कि इसके बाद पीडि़तों ने गुडंबा थाने में मुकदमा दर्ज कराने के बाद उनके यहां भी संपर्क किया। जालसाजों की तलाश शुरू की गई। जिसमें शुभम मिल गया। अन्य की तलाश में दबिश दी जा रही है।

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