हरदोई में कमीशन के खेल में गरीबों का नाम, जिनके पास खेत नहीं उनके नाम से बेची गई डेढ़ अरब की उपज

गेहूं और धान की खरीद में किसानों को वरीयता देने की बात कही जाती है लेकिन हर वर्ष कमीशन भारी पड़ता किसान परेशान रहते और बड़ों की उपज खरीदी जाती है। हालांकि विभागीय अधिकारी इसे सिरे से खारिज करते रहते हैं लेकिन इस बार इसकी पोल भी खुल गई है।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Thu, 23 Sep 2021 05:32 PM (IST) Updated:Thu, 23 Sep 2021 05:32 PM (IST)
हरदोई में कमीशन के खेल में गरीबों का नाम, जिनके पास खेत नहीं उनके नाम से बेची गई डेढ़ अरब की उपज
वहीं कमीशन के चक्कर में फंसे 700 लोगों के राशन कार्ड निरस्त कर दिए गए हैं।

हरदोई, [राजीव शर्मा]। सरकारी खरीद में कमीशनबाजी के खेल की पोल खुल गई है। 3413 पात्र गृहस्थी कार्ड धारकों के नाम पर एक अरब 57 करोड़ 61 लाख दस हजार 512 की उपज बेच दी गई। शासन स्तर से शुरू कराई गई जांच में खेल सामने आया, इसमें कुछ लोग तो ऐसे भी हैं, जिनके नाम खेत भी नहीं है। ऐसे लोगों की राजस्व विभाग जांच कर रहा है वहीं कमीशन के चक्कर में फंसे 700 लोगों के राशन कार्ड निरस्त कर दिए गए हैं।

गेहूं और धान की खरीद में किसानों को वरीयता देने की बात कही जाती है, लेकिन हर वर्ष कमीशन भारी पड़ता, किसान परेशान रहते और बड़ों की उपज खरीदी जाती है। हालांकि विभागीय अधिकारी इसे सिरे से खारिज करते रहते हैं, लेकिन इस बार तो इसकी पोल भी खुल गई है। खरीद में खेल करने वालों ने गरीबों के आधार कार्ड और खाता संख्या लेकर उनके नाम पर उपज बेचकर उन्हें कुछ रुपये का कमीशन थमा दिया। खाद्य विभाग द्वारा की जांच में पता चला कि 3413 पात्र गृहस्थी के कार्ड धारकों ने तीन लाख रुपये तक की उपज बेच दी, यानी कि वह गरीब नहीं हैं और जब जांच कराई गई तो खेल सामने आ गया।

पूर्ति विभाग की ओर से प्रशासन को सूची उपलब्ध कराई गई, जिसकी राजस्व विभाग से जांच कराई गई तो पता चला कि पात्र गृहस्थी के राशन कार्ड धारकों के नाम पर उपज बेची गई। विभागीय आंकड़ों की मानें तो इन 3413 पात्र गृहस्थी के राशन कार्ड धारकों के खातों से 1 अरब, 57 करोड़ 61 लाख दस हजार 512 रुपये की उपज बेची गई है। सूची में कई ऐसे कार्ड धारक भी है ,जिन्होंने दस लाख से अधिक की उपज बेची है। हालांकि जिसके पास भूमि है और क्या कैसे हुआ इसकी जांच हो रही है। प्रशासन की जांच रिपोर्ट आने के उपरांत इन राशन कार्ड को निरस्त करने की प्रक्रिया की जानी है। जिला पूर्ति अधिकारी संजय पांडेय ने बताया कि जिन 700 की रिपोर्ट आ गई थी, उनके कार्ड निरस्त कर दिए गए हैं। बाकी अभी जांच हो रही है।

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