लखनऊ में लुभाएगी पुरानी माटी कला, यूपी के कारीगरों और कलाकारों ने सजाए उत्पाद

माटी कला को जीवंत करने और उनकी कला को प्राेत्साहन देने के लिए गोमती नगर के संगीत नाटक अकादमी परिसर में लगे माटी कला मेले का बुधवार को यूपी के खादी एवं ग्रामोद्याेग मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने उद्घाटन किया।

By Vikas MishraEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 08:54 PM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 08:54 PM (IST)
लखनऊ में लुभाएगी पुरानी माटी कला, यूपी के कारीगरों और कलाकारों ने सजाए उत्पाद
मंत्री ने तीन उत्कृष्ट शिल्पकारों को माटी कला का राज्य स्तरीय पुरस्कार देकर सम्मानित किया।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। माटी कला को जीवंत करने और उनकी कला को प्राेत्साहन देने के लिए गोमती नगर के संगीत नाटक अकादमी परिसर में लगे माटी कला मेले का बुधवार को खादी एवं ग्रामोद्याेग मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि माटी कला को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार की ओर माटी कला बोर्ड के माध्यम से माटी कला को बुलंदी दी जा रही है। शिल्पकारों को प्रशिक्षण के साथ ही विद्युत चालित चाक देकर कम मेहनत में अधिक लाभ देने का प्रयास किया जा रहा है। शिल्पकार अपनी कला को और आगे ले जा सकें, इसके लिए वित्तीय सहायता भी उपलब्ध कराई जा रही है। 

इससे पहले मंत्री ने तीन उत्कृष्ट शिल्पकारों को माटी कला का राज्य स्तरीय पुरस्कार देकर सम्मानित किया। गोरखपुर गुलहरिया निवासी राजन प्रजापति को पहले पुरस्कार के रूप में 40,000 रुपये और प्रशस्ति पत्र दिया तो आजमगढ़ के निजामाबाद निवासी रोहित कुमार प्रजापति को दूसरा पुरस्कार मिला। उन्हें प्रशस्ति पत्र के साथ 30,000 रुपये दिए गए। गोंडा के उज्जैनी कला निवासी हरीराम को तीसरा पुरस्कार मिला। उन्हें 20,000 रुपये और प्रशस्ति पत्र दिया गया। मंत्री ने पांच लाभार्थियों को ऋण वितरण के प्रमाण पत्र के साथ ही प्रशिक्षण पाने वाले 100 शिल्पकारों को टूलकिट प्रदान देकर उन्हें कला को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया।

उदघाटन अवसर पर मौजूद खादी एवं ग्रामोद्याेग राज्यमंत्री उदय भान सिंह ने कहा कि माटी कला प्रदर्शनी के माध्यम से कलाकार अपनी कला को अपग्रेड कर सकते हैं। इसके लिए सेमिनार का आयोजन भी किया गया। उद्घाटन के दौरान उप्र माटी कला बोर्ड के वेबसाइट की शुरुआत भी की गई। अपर मुख्य सचिव व माटी कला बोर्ड के महाप्रबंधक डा. नवनीत सहगल ने बताया कि मेले में सूबे के कई जिलों से आए कारीगरों के 100 स्टाल लगाए गए हैं। कारीगरों को निश्शुल्क स्टाल दिए गए हैं। मेले में मिट़्टी के बने श्री गणेश-लक्ष्मी के साथ ही आजमगढ़, गोरखपुर व खुर्जा समेत कई जिलों की माटी कला का प्रदर्शन किया गया है। 26 अक्टूबर से शुरू हुए तीन दिवसीय मेले का गुरुवार को समापन होगा।

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