नर्स घर जाकर बच्चों को लगाएगी टीका, लॉकडाउन के चलते नहीं हो सका था टीकाकरण

Lucknow Child Vaccination News लॉकडान के कारण 22 मार्च से टीकाकरण ठप हो गया। माह भर बच्चों का टीकाकरण नहीं हो सका। अप्रैल अंत में अस्पतालों में टीकाकरण का आदेश पहुंचा। चार मई से प्रदेशभर के अस्पतालों में टीकाकरण शुरू किया गया।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Mon, 28 Sep 2020 08:07 AM (IST) Updated:Tue, 29 Sep 2020 06:56 AM (IST)
नर्स घर जाकर बच्चों को लगाएगी टीका, लॉकडाउन के चलते नहीं हो सका था टीकाकरण
छोटे बच्चों पर दूसरी बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है।

लखनऊ, (संदीप पांडेय)। Lucknow Child Vaccination News: कोरोना काल में बच्चों का टीकाकरण बाधित हो गया। अस्पतालों में सुविधा शुरू होने पर भी कई बच्चे नहीं पहुंच सके। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग घर-घर सर्वेक्षण करेगा। नर्स जाकर छूट गए बच्चों को टीका लगाएगी। कोरोना के चलते देश में लॉकडाउन लग गया और स्वास्थ्य महकमा वायरस से निपटने में जुट गया। 22 मार्च से टीकाकरण ठप हो गया। माह भर बच्चों का टीकाकरण नहीं हो सका। अप्रैल अंत में अस्पतालों में टीकाकरण का आदेश पहुंचा। चार मई से प्रदेशभर के अस्पतालों में टीकाकरण शुरू किया गया। अस्पतालों में भीड़भाड़, संक्रमण के भय से कई अभिभावक अभी भी बच्चों को ले जाने से कतरा रहे हैं। इससे छोटे बच्चों पर दूसरी बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है। लिहाजा, स्वास्थ्य विभाग ने छूटे बच्चों की खोजकर टीकाकरण कराने का फैसला किया है। इसके लिए शहर से लेकर गांवों तक सर्वे होगा।

जनपद में 15 दिन होगा सर्वे

इम्यूनाइजेशन ऑफीसर व एसीएमओ डॉ. एमके सिंह के मुताबिक छूटे बच्चों की खोज के लिए एक अक्टूबर से जनपद में सर्वे शुरू होगा। इसमें करीब 617 एएनएम, 2300 आशा व 1600 आंगनबाड़ी कार्यकत्री घर-घर जाएंगी। छूटे बच्चों का 15 अक्टूबर तक ब्योरा जुटाएंगी। इसके बाद बच्चों में जो टीका छूटा होगा, उसका नया शेड्यूल बनाकर वैक्सीनेशन किया जाएगा।

कौन टीका-कब लगता

जन्म के बाद: बीसीजी, हेपेटाइटिस, पल्स पोलियो डेढ़ माह पर: पेंटावैलेंट, न्यूमोकोकल, रोटावायरस, पल्स पोलियो ढाई माह पर: पेंटावैलेंट, रोटावायरस दूसरी डोज, पल्स पोलियो साढ़े तीन माह: पेंटावैलेंट, न्यूमोकोकल, रोटावायरस, पल्स पोलियो नौ माह पर: मीजल्स, रूबेला, जेई, विटामिन-ए की खुराक

केजीएमयू: डेंटल रेजीडेंट की परीक्षा  

केजीएमयू के दंत संकाय में रेजीडेंट डॉक्टर का संकट दूर होगा। इसके लिए रविवार को परीक्षा कराई गई। कलाम सेंटर में हुई परीक्षा में एमडीएस पास चिकित्सकों ने हिस्सा लिया। केजीएमयू के दंत संकाय में नौ विभाग हैं। इसमें ओरल सर्जरी, प्रोस्थोडांटिक्स, पेरियोडांटिक्स, पीडोडांटिक्स, ओरल मेडिसिन, ओरल पैथोलॉजी, आर्थोडांटिक व कंजर्वेटिव डेंटेस्ट्री में सीनियर रेजीडेंट की 27 सीटें थीं। इसमें एमडीएस पास ही चिकित्सक भाग ले सकते थे। रविवार को 11 से 12 बजे तक कलाम सेंटर में परीक्षा का आयोजन किया गया। इसमें फिजिकल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा गया। सभी मास्क लगाए हुए थे। डीन डॉ. अनिल चंद्रा के मुताबिक 198 चिकित्सकों ने सीनियर रेजीडेंट की परीक्षा दी। देर शाम परीक्षा परिणाम जारी कर दिया गया।

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