योगी सरकार के पोर्टल से जुड़ेंगे UP के NRI, बदलती तस्वीर दिखा निवेश के लिए किया जाएगा प्रोत्साहित

एनआरआइ विभाग पोर्टल बना रहा है जिससे उत्तर प्रदेश के उन नागरिकों को जोड़ा जाएगा जो विदेश में जा बसे हैं।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Thu, 14 Nov 2019 08:20 PM (IST) Updated:Thu, 14 Nov 2019 08:20 PM (IST)
योगी सरकार के पोर्टल से जुड़ेंगे UP के NRI, बदलती तस्वीर दिखा निवेश के लिए किया जाएगा प्रोत्साहित
योगी सरकार के पोर्टल से जुड़ेंगे UP के NRI, बदलती तस्वीर दिखा निवेश के लिए किया जाएगा प्रोत्साहित

लखनऊ, जेएनएन। अप्रवासी भारतीयों (NRI) से रिश्ता मजबूत करने के लिए योगी सरकार एक पहल करने जा रही है। एनआरआइ विभाग पोर्टल बना रहा है, जिससे उत्तर प्रदेश के उन नागरिकों को जोड़ा जाएगा, जो विदेश में जा बसे हैं। उनकी समस्याओं का समाधान कराने के साथ ही बदलते यूपी की तस्वीर दिखाकर उन्हें निवेश के लिए भी प्रोत्साहित किया जाएगा।

उत्तर प्रदेश में निवेश बढ़ाने की सभी संभावनाओं पर सरकार काम कर रही है। इन्हीं प्रयासों की कड़ी अब एनआरआइ विभाग भी पोर्टल बना रहा है। लघु उद्योग एवं एनआरआइ मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि दुनिया में लगभग ढाई करोड़ अप्रवासी भारतीय हैं, जिनमें करीब 45-50 लाख उप्र के हैं। विभाग को निर्देश दिए हैं कि इन सभी की जानकारी जुटा ली जाए। पोर्टल बनाकर सभी को उससे जोड़ा जाएगा। मुख्यमंत्री की ओर से पहला पत्र सभी को जाएगा। मंत्री ने बताया कि पोर्टल में एक कॉलम ऐसा रखा जाएगा, जिसमें अप्रवासी भारतीय प्रदेश से संबंधित अपनी किसी भी समस्या को दर्ज कर सकेंगे।

मंत्री ने बताया कि सरकार प्राथमिकता के आधार पर उनका निस्तारण कराएगी। इसके अलावा प्रदेश के बड़े नीतिगत फैसले, योजनाओं-परियोजनाओं की जानकारी उन्हें लगातार दी जाएगी। अप्रवासी भारतीयों को बताया जाएगा कि प्रदेश में अब कितना सकारात्मक बदलाव हो चुका है। उन्हें निवेश की संभावनाएं भी बताई जाएंगी। इसके अलावा विदेशों में जो रोड शो सरकार करेगी, उसका न्योता सभी एनआरआइ को भी भेजा जा सकेगा। सिंह ने बताया कि प्रमुख सचिव आलोक कुमार सहित विभाग के अन्य अधिकारियों के साथ गुरुवार को बैठक कर निर्देश दे दिए गए हैं कि पोर्टल बनाने की प्रक्रिया दो माह में पूरी कर ली जाए।

पर्यटन बढ़ाने को अलग से पैकेज

प्रयास यह भी है कि अप्रवासी भारतीयों के माध्यम से पर्यटन को भी बढ़ावा दिया जाए। टूर कंपनियों से करार कर ऐसे पर्यटकों के लिए अलग से पैकेज बनवाए जा सकते हैं। इसके लिए पर्यटन स्थलों की ब्रांडिंग भी करानी होगी। 

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