यूपी में एनपीएस निजीकरण भारत छोड़ो पदयात्रा आज, शिक्षक-कर्मचारी और अधिकारी करेंगे प्रतिभाग
पुरानी पेंशन लागू करने की मांग को लेकर शिक्षक-कर्मचारी व अधिकारी एकजुट हो गए हैं। जिला मुख्यालयों पर शुक्रवार को एनपीएस निजीकरण भारत छोड़ो पदयात्रा निकाली जाएगी। इसकी सारी तैयारियां पूरी हो गई हैं। दावा है कि 13 लाख कर्मचारी राष्ट्रीय पेंशन योजना से जुड़े हैं।
लखनऊ, राज्य ब्यूरो। पुरानी पेंशन लागू करने की मांग को लेकर शिक्षक-कर्मचारी व अधिकारी एकजुट हो गए हैं। जिला मुख्यालयों पर शुक्रवार को एनपीएस (राष्ट्रीय पेंशन योजना) निजीकरण भारत छोड़ो पदयात्रा निकाली जाएगी। इसकी सारी तैयारियां पूरी हो गई हैं। दावा है कि प्रदेश के करीब 13 लाख कर्मचारी राष्ट्रीय पेंशन योजना से जुड़े हैं और सभी इसका विरोध कर रहे हैं। अटेवा-पेंशन बचाओ मंच के प्रदेश मीडिया प्रभारी डा. राजेश कुमार ने बताया कि एनपीएस व निजीकरण लागू किए जाने से शिक्षक, कर्मचारियों व अधिकारियों में भारी आक्रोश है, क्योंकि इससे उनका भविष्य अंधकारमय हो गया है।
प्रदेश में 13 लाख शिक्षक, कर्मचारी इस योजना से जुड़े हैं। शुक्रवार को प्रदेश में एनपीएस निजीकरण भारत छोड़ो पदयात्रा का आयोजन जिला मुख्यालयों पर होगा। पदयात्रा में बड़ी संख्या में शिक्षक, कर्मचारी भाग लेंगे। पदयात्रा के बाद पुरानी पेंशन बहाली व निजीकरण समाप्त करने की मांग को लेकर ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजा जाएगा। लखनऊ में पदयात्रा दोपहर तीन बजे शहीद स्मारक से लेकर जिलाधिकारी आवास के पास स्थित कर्मचारी नेता स्व. बीएन सिंह की प्रतिमा पर समाप्त होगी।
इस पदयात्रा में अटेवा के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार बंधु व महामंत्री डा. नीरजपति त्रिपाठी समेत सभी शिक्षक व कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों समेत कर्मचारी एवं शिक्षक शामिल होंगे। उन्होंने बताया कि 21 नवंबर को लखनऊ में पेंशन शंखनाद रैली आयोजित होगी। इसके लिए शिक्षक, कर्मचारी संगठनों के समर्थन पत्रों के आने का सिलसिला लगातार जारी है।