अब वेंटिलेटर के मरीजों को सुरक्षित तरीके से डाली जा सकेगी इंडो ट्रैकियल ट्यूब, SGPGI में बनी खास 'Device'

संजय गांधी पीजीआइ के ओटी टेक्नोलाजिस्ट राजीव सक्सेना सहित अन्य ने मिल वीडियो लैरिंजो स्कोप डिवाइस तैयार किया जो एप के जरिए मोबाइल फोन से जुडा है। इस ट्यूब को डालते समय सांस की नली में चोट की आशंका नहीं रहती है।

By Rafiya NazEdited By: Publish:Sat, 27 Feb 2021 06:31 PM (IST) Updated:Sat, 27 Feb 2021 07:04 PM (IST)
अब वेंटिलेटर के मरीजों को सुरक्षित तरीके से डाली जा सकेगी इंडो ट्रैकियल ट्यूब, SGPGI में बनी खास 'Device'
एसजीपीजी लखनऊ में ओटी टेक्‍नीशियन ने बनाई वीडियो लैरिंजो स्कोप डिवाइस।

लखनऊ, जेएनएन। अब गंभीर मरीजों को वेंटिलेटर पर रखने के लिए फेफड़े में डाले जाने वाले इंडो ट्रैकियल ट्यूब डालते समय मरीज के सांस की नली में चोट की आशंका को खत्म करना संभव हो गया है। खास तौर उन मरीजों में जिनमें कोरोना, स्वाइन फ्लू या अन्य गंभीर फेफड़े का संक्रमण से ग्रस्त हों। इसके लिए संजय गांधी पीजीआइ के ओटी टेक्नोलाजिस्ट राजीव सक्सेना सहित अन्य ने मिल वीडियो लैरिंजो स्कोप डिवाइस तैयार किया जो एप के जरिए मोबाइल फोन से जुडा है। ट्यूब डालते समय इसके लिए जरिए देखते हुए ट्यूब डालते समय सांस की नली में चोट की आशंका नहीं रहती है। 

इस डिवाइस के बारे में जानकारी एसोसिएशन आफ एनेस्थेसिया एंड आपरेशन थियेटर टेक्नोलाजिस्ट के अधिवेशन में देते हुए बताया कि इस डिवाइस का इस्तेमाल सभी ओटी टेक्नोलाजिस्ट कर सकते है। राजीव ने बताया कि अभी ट्यूब डालने के लिए मरीज के मुंह के पास जाकर सावधानी से देखना होता कि ट्यूब सही जगह जा रही है। खास तौर पर संक्रमित मरीजों में ऐसे देखने से हेल्थ केयर वर्कर में भी संक्रमण की आशंका रहती है ऐसे में इन्हे संक्रमण से बचाने के साथ मरीज में सुरक्षित तरीके से ट्यूब डालने में आसानी होगी। ओटी को

संक्रमण से बचाना बड़ी चुनौती: ओटी टेक्नोलाजिस्ट धीरज सिंह ने बताया कि ओटी के संक्रमण से बचाए रखना एक बड़ी चुनौती है इसके लिए हम लोगों ने संक्रमित मरीजों की सर्जरी के दौरान उपकरणों को प्लास्टिक सील तकनीक अपनाया जिससे संक्रमण की आशंका कम हुई। रिकार्ड और डाटा मैनेजमेंट पर ओटी टेक्नोलाजिस्ट केके कौल ने बताया कि सेंट्रल रजिस्टर बनाया जिसे हर आधे घंटे में अपडेट करते है। इससे मरीज के बारे में एनेस्थेसिया की सारी जानकारी रहती है जिसे कोई भी लाभ उठा सकता है। एनेस्थेसिया विभाग के प्रो.संदीप साहू ने सीपीआऱ के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि ओटी में भी इसका अहम रोल है। एनेस्थेसिया विभाग के प्रमुख प्रो. अनिल अग्रवाल ने बताया कि ओटी टेक्नोलाजिस्ट का पहली बार सेमीनार हो रहा है जिसमें आन लाइन के साथ लोग शामिल भी हो रहे है। सर्जरी के सफलता में इनकी अहम भूमिका है।

chat bot
आपका साथी