बच्‍चों में होने वाली जानलेवा खून की उल्‍टी को रोकेगी SGPGI की नई तकनीक, जानिए इस बीमारी के कारण

खाने की नली में स्थित रक्त वाहिकाएं फट जाती है जिसके कारण खून की उल्टी होती है। यह स्थित कई बार बच्चों के जीवन पर भारी पड़ती है। ऐसी स्थित में बच्चों की जिंदगी बचाने के लिए संजय गांधी पीजीआइ ने वेरीसेस वेनिस बाइंडिंग तकनीक स्थापित की है।

By Rafiya NazEdited By: Publish:Sun, 07 Mar 2021 06:30 AM (IST) Updated:Sun, 07 Mar 2021 03:34 PM (IST)
बच्‍चों में होने वाली जानलेवा खून की उल्‍टी को रोकेगी SGPGI की नई तकनीक, जानिए इस बीमारी के कारण
एसजीपीजीआइ लखनऊ में बच्‍चों में होने वाली खूनी उल्‍टी का निकाला सटीक इलाज।

लखनऊ [कुमार संजय]। पेट में लिवर, स्पलीन और आंत को जोड़ने वाली रक्त वाहिका में रूकावट के कारण शरीर की रक्त वाहिकाओं में दबाव बढ़ जाता है। इस दबाव के कारण खाने की नली में स्थित रक्त वाहिकाएं फट जाती है जिसके कारण खून की उल्टी होती है। यह स्थित कई बार बच्चों के जीवन पर भारी पड़ती है। ऐसी स्थित में बच्चों की जिंदगी बचाने के लिए संजय गांधी पीजीआइ ने वेरीसेस वेनिस बाइंडिंग तकनीक स्थापित की है। इस तकनीक में वेरीसेस वेन के फटने से पहले ही स्थित को देख कर बाइंडिंग कर खून की उल्टी की आशंका को कम किया जा सकता है। खून की उल्टी होने पर भी इस तकनीक को बाइंडिंग कर खून की उल्टी रोकी जा सकती है। इससे बच्चों की जिंदगी लंबी हो सकती है।

संस्थान के पिडियाड्रिक गैस्ट्रो इंट्रोलाजी विभाग के प्रो. मोइनक सेन शर्मा के मुताबिक नान सिरोटिक पोर्टल फाइब्रोसिस विशेष तरह की पोर्टल वेन की परेशानी है जो इस वर्ग की परेशानी का दस फीसदी होता है। इस तरह की परेशानी से ग्रस्त 60 बच्चों में इंडोस्कोप तकनीक से खाने की नली में स्थित वेरीसेस वेन की बाइंडिंग कर रक्त स्राव को रोकने के बाद प्रभाव का अध्ययन किया तो पाया कि खून की उल्टी होने पर या इसकी आशंका होने पर दोनों स्थित में बाइडिंग कारगर है। इस शोध को हिपैटोलाजी इंटरनेशनल जर्नल से स्वीकार किया साथ ही संस्थान में आयोजित रिसर्च डे पर भी इस शोध के लिए एवार्ड मिला। इस मामले में संभव नहीं है लिवर ट्रांसप्लांट नान सिरोटिक पोर्टल फाइब्रोसिस इस परेशानी में लिवर ट्रांसप्लांट संभव नहीं होता है, क्योंकि लिवर के तुरंत पहले विहिकाएं में रूकावट होती है ऐसे में मामले बाइंडिंग के अलावा बीटा व्लाकर दवाएँ दे कर खून के स्राव को रोकते हैं।

यह परेशानी तो लें सलहा 

खून की उल्टी, पचे हुए खून के कारण गहरे रंग का मल, पेट फूलना, या मल में खून कलाई मोड़ने पर हाथों का कांपना (फ़्लैपिंग हैंड ट्रेमर), खून निकलना, त्वचा में सूजी नसों का जाल, नाभि के आस-पास बढ़ी हुई नसें (शिराएं), या निगलने में परेशानी हो सकती है।क्या है पोर्टल वेनलिवर, स्पलीन और आंत में रक्त प्रवाह को बनाए रखने के लिए आपस में एक रक्त वाहिका जुडी होती है। जहां पर इन तीनो की नसे आपस में मिलती है ( जंक्शन) उस स्थान को पोर्टल वेन कहा जाता है। इसमें रूकावट होने पर रक्त संचार बाधित होता है जिससे नसों पर दबाव बढ़ जाता है। इसकी वजह से खाने की नली में स्थित रक्त वाहिका में भी दबाव होता है जो कई बार फट जाती है। लिवर सिरोसिस की स्थित में यह कामन है लेकिन लिवर सोरिसस के बिना भी इस वेन में रूकावट हो सकती है।

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