अब 'टीम-25' गिरते भू-जल स्तर के प्रति चलाएगी अभियान, लविवि और BBAU के प्रोफेसर भी शामिल

लखनऊ विश्वविद्यालय के भू-गर्भ विज्ञान विभाग के हेड प्रो. विभूति राय ने बताया कि हर साल एक से दो मीटर भू-जल स्तर नीचे जा रहा है। करीब 30 लाख की जनसंख्या वाले लखनऊ में छह लाख घर हैं। लोग जागरूक होंगे तो लाखों लीटर पानी बचा सकेंगे।

By Divyansh RastogiEdited By: Publish:Fri, 22 Jan 2021 11:08 AM (IST) Updated:Fri, 22 Jan 2021 11:08 AM (IST)
अब 'टीम-25' गिरते भू-जल स्तर के प्रति चलाएगी अभियान, लविवि और BBAU के प्रोफेसर भी शामिल
लखनऊ: करीब 30 लाख की जनसंख्या वाले लखनऊ में छह लाख घर हैं। लोग जागरूक होंगे तो बचा सकेंगे पानी।

लखनऊ, जेएनएन। गिरते भू-जल स्तर के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए ग्राउंट वाटर एक्शन ग्रुप की ‘टीम-25’ जागरूकता अभियान चलाएगी। इस टीम में लखनऊ विश्वविद्यालय के भू-गर्भ विज्ञान विभाग के प्रो. विभूति राय, बीबीएयू के प्रो. वेंकटेश दत्ता, स्टेट ग्राउंड वाटर डिपार्टमेंट से सेवानिवृत्त हाइड्रो जियोलाजिस्ट आरएस सिन्हा, हाइड्रो जियोलाजिस्ट नवीन कुमार, एनएसएस के डा. अंशुमाली शर्मा सहित कई प्रमुख लोग शामिल हैं। दो दिन पहले हुई बैठक में यह तय हुआ है कि फरवरी के पहले सप्ताह में बैठक कर भू-जल स्तर को बचाने के लिए योजना बनाई जाएगी। इंडस्ट्री से लेकर किसानों व अन्य लोगों को शामिल किया जाएगा। फिर अभियान चलाकर लोगों को जागरूक किया जाएगा।

लखनऊ विश्वविद्यालय के भू-गर्भ विज्ञान विभाग के हेड प्रो. विभूति राय ने बताया कि हर साल एक से दो मीटर भू-जल स्तर नीचे जा रहा है। कहीं-कहीं दो मीटर से ज्यादा भी है। लखनऊ के इंदिरा नगर, कैंट एरिया में भी भू-जल स्तर की स्थिति ठीक नहीं है। आने वाले समय में पानी की कमी होगी। इसलिए अभी से तैयारी करनी होगी। उन्होंने बताया कि करीब 30 लाख की जनसंख्या वाले लखनऊ में छह लाख घर हैं। लोग जागरूक होंगे तो लाखों लीटर पानी बचा सकेंगे। इसके लिए हाल ही में जानकीपुरम में ग्राउंड वाटर एक्सशन ग्रुप के नेतृत्व में बैठक हुई थी। जिसमें कई भू-वैज्ञानिक, एनजीओ सहित प्रमुख लोग शामिल थे।

रेन वाटर हार्वेटिंग अनिवार्य: उन्होंने बताया कि तय हुआ है कि फरवरी के पहले सप्ताह में इंडस्ट्री, रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन, किसान, एनजीओ सहित अन्य प्रमुख लोगों के साथ बैठक कर लोगों को जागरुक करने के लिए प्लान तैयार किया जाएगा। फिर सरकारी विभागों से संपर्क कर रेन वाटर सिस्टम अनिवार्य रूप से लगवाने के लिए सुझाव दिए जाएंगे। लोगों से भी विभिन्न माध्यमों के जरिए अनुरोध किया जाएगा कि ऐसी व्यवस्था करें ताकि बरसात का पानी नालों में न जाकर सीधे जमीन में पहुंचे। इससे भूजल स्तर बढ़ेगा। इस अभियान में सोसायटी के साथ राजनैतिक दलों को भी जोड़ा जाएगा। प्रो. विभूति राय के मुताबिक मार्च में लविवि में भी ‘जल का कल, कल का जल’ विषय पर जल संवाद करने की योजना है।

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