अब अाप स्कूल में पा सकेंगे लर्नर लाइसेंस, जानें क्या होगा प्रोसेस

स्कूलों से प्रशिक्षु लाइसेंस जारी कराने की कवायद, डीएल प्रक्रिया में इंटरमीडिएट स्कूलों के प्रधानाचार्यो को शामिल करने की तैयारीं।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Tue, 20 Nov 2018 10:52 AM (IST) Updated:Wed, 21 Nov 2018 08:36 AM (IST)
अब अाप स्कूल में पा सकेंगे लर्नर लाइसेंस, जानें क्या होगा प्रोसेस
अब अाप स्कूल में पा सकेंगे लर्नर लाइसेंस, जानें क्या होगा प्रोसेस

लखनऊ [नीरज मिश्र]। योजना परवान चढ़ी तो लर्नर लाइसेंस के लिए छात्र-छात्राओं को आरटीओ दफ्तर के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। विद्यार्थियों को स्कूल से ऑनलाइन आवेदन करना होगा। प्रक्रिया पूरी होने के बाद प्रधानाचार्य की निगरानी में उन्हें स्कूल के कंप्यूटर पर ऑनलाइन टेस्ट देना होगा। मंशा है कि पढ़ाई के चलते अवकाश लेकर लाइसेंस लेने के लिए स्कूली बच्चों को आरटीओ कार्यालय न आना पड़े। साथ ही डीएल लेने से पहले उन्हें यातायात नियमों की जानकारी हो सके। परिवहन विभाग ने प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसमें इंटरमीडियट स्कूलों के प्रधानाचार्यो को शामिल किया जाएगा।

यह होगी प्रक्रिया

विद्यार्थी स्कूल से ही ऑनलाइन लर्नर लाइसेंस का आवेदन कर सकेंगे। कंप्यूटर पर टेस्ट देना होगा। दो पहिया वाहन का टेस्ट प्रधानाचार्य स्कूल ग्राउंड पर लेंगे। टेस्ट में पास होने वाले स्कूली बच्चों को प्रिंसिपल ऑनलाइन संस्तुति देंगे। तत्पश्चात लाइसेंस जारी होगा। ऐसा नहीं है कि सिर्फ स्कूलों से ही लर्नर लाइसेंस जारी होगा। छात्रों के पास आरटीओ से भी लाइसेंस लेने का विकल्प खुला रहेगा। 16 साल से अधिक उम्र के विद्यार्थी बिना गियर वाले दोपहिया वाहन और 18 साल से अधिक उम्र के छात्र-छात्रा गियर वाली गाड़ी के लिए आवेदन कर सकेंगे।

क्या कहते हैं अफसर ?

परिवहन आयुक्त पी. गुरुप्रसाद का कहना है कि सबसे ज्यादा डीएल स्कूली बच्चों के बनते हैं। प्रदेश में हर माह दो लाख से अधिक लाइसेंस बनाए जाते हैं जिनमें से सवा लाख के करीब डीएल स्टूडेंटस के ही होते हैं। चूंकि स्कूल के पास छात्रों से जुड़ी जानकारियां आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं लिहाजा प्रधानाचार्य को इस प्रक्रिया में शामिल किया जा रहा है। दिल्ली व राजस्थान आदि कई प्रांतों में यह योजना चल रही है। प्रारूप देखा जा रहा है। इसे तैयार कर शासन भेजा जाएगा।

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