अब आइवीएफ ट्रीटमेंट में ली जाएगी रोबोट की मदद, बढ़ेगी गर्भधारण में सफलता की दर
अब आइवीएफ ट्रीटमेंट में रोबोट की भी मदद ली जाएगी। इसके तहत बेहतर स्पर्म को छांटने में रोबोट की सहायता ली जा सकेगी। यह सब कुछ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इन रिप्रॉडक्टिव मेडिसिन के जरिए संभव हो सकेगा। लॉग्स की ओर से आयोजित वेबिनार में आइवीएफ ट्रीटमेंट पर विमर्श किया गया।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। जो महिलाएं किन्हीं कारणों से मां नहीं बन सकतीं, उनके लिए आइवीएफ ट्रीटमेंट किसी वरदान से कम नहीं। अब आइवीएफ ट्रीटमेंट में रोबोट की भी मदद ली जाएगी। इसके तहत बेहतर स्पर्म को छांटने में रोबोट की सहायता ली जा सकेगी। यह सब कुछ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इन रिप्रॉडक्टिव मेडिसिन के जरिए संभव हो सकेगा। लखनऊ स्त्री एवं प्रसूति रोग संस्था (लॉग्स) के आनलाइन आयोजन में आइवीएफ ट्रीटमेंट में रोबोट के प्रयोग पर विमर्श किया गया।
लॉग्स के 16 वें वार्षिकोत्सव और आनलाइन हुए छठे ओरेशन में मुख्य अतिथि डा शांथा कुमारी और मुख्य वक्ता मुंबई से डा एचडी पाई रहे। डा एचडी पाई ने कहा कि व्यक्ति के स्पर्म कम होने पर महिलाओं को गर्भधारण में दिक्कत होती है। ऐसे में रोबोट की मदद से बेहतर स्पर्म को छांटा जा सकेगा। उन्होंने बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इन रिप्रॉडक्टिव मेडिसिन का आइवीएफ में अहम योगदान है। बेहतर स्पर्म चुनाव में विशेष तौर पर मददगार है। साथ ही बेहतर अंडे और एंब्रियो के चुनाव में भी मदद करता है। यह प्रक्रिया आइवीएफ तकनीक के फेल होने की आशंका को कम करता है। डा शांथा कुमारी ने कहा कि यह कैंसर के स्तर, स्किन की दिक्कत और बांझपन को रोकने में कारगर है।
वेबिनार में फाग्सी संस्था की अध्यक्ष यशोधरा प्रदीप, सेक्रेटरी डा निशा सिंह, ज्वाइंट सेक्रेटरी डा रेखा सचान, डा चंद्रावती, डा अंशुमाला रस्तोगी, डा अंजना जैन, डा शिप्रा कुंवर ने भी विचार रखे। संचालन डा स्मृति अग्रवाल और डा अस्ना अशरफ ने किया। आनलाइन आयोजन में चिकित्सा क्षेत्र में बेहतर काम के लिए लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड भी दिया गया। डा मधु गुप्ता, डा सुधा पुरी, डा वीना श्रीवास्तव, डा आशा राय, डा अखिलेश द्विवेदी, डा सतीश कुमार वाधवा, डा मृदुला अस्थाना व डा रमा शंखधर को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड भी दिया गया।