प्रिजम्पटिव COVID मरीजों की जान बचाएगी स्टेराइड व खून पतला करने की दवा, इलाज की जारी हुई गाइडलाइन
आरटीपीसीआर में निगेटिव लेकिन सीटी स्कैन में कोविड लक्षणों की पुष्टि होने वाले प्रिजम्पटिव कोरोना मरीजों के इलाज के लिए अब सरकार की ओर से निर्देश जारी कर दिया गया है। अब ऐसे मरीजों को कोविड अस्पताल में ही अलग वार्ड में रखा जाएगा।
लखनऊ, जेएनएन। आरटीपीसीआर में निगेटिव लेकिन सीटी स्कैन में कोविड लक्षणों की पुष्टि होने वाले प्रिजम्पटिव कोरोना मरीजों के इलाज के लिए अब सरकार की ओर से निर्देश जारी कर दिया गया है। अब ऐसे मरीजों को कोविड अस्पताल में ही अलग वार्ड में रखा जाएगा। अबतक करीब 25 से 30 फीसद रोगी ऐसे सामने आ रहे थे, जिनकी आरटीपीसीआर जांच तो निगेटिव रहती थी, लेकिन सीटी स्कैन कोरेड्स स्कोर पांच से ज्यादा कोरोना पॉजिटिव मरीजों की तरह ही रहता था। ऐसे मरीजों में भी संक्रमित मरीजों की तरह आक्सीजन स्तर खतरनाक स्तर तक गिरने लगता था। मगर इन्हें न तो कोविड अस्पताल भर्ती कर रहे थे और न ही नॉन कोविड अस्पताल इनका इलाज कर रहे थे।
अब इनके इलाज की गाइड लाइन जारी होने के बाद केजीएमयू में पल्मोनरी एवं क्रिटिकल केयर मेडिसिन के विभागाध्यक्ष डा. वेद प्रकाश ने कहा है कि ऐसे मरीजों में यदि सीटी स्कैन स्कोर पांच से ज्यादा है और कोविड जैसे संक्रमण की पुष्टि हो गई है तो तत्काल कोविड मरीजों की तरह ही इन्हें स्टेराइड व खून पतला करने की दवा देनी शुरू कर देनी चाहिए। तभी इनकी जान बचाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि ऐसे मरीजों के इलाज में स्टेराइड काफी कारगर साबित हो रही है। डा. वेद प्रकाश कोरोना की दूसरी लहर के बाद से अब तक ऐसे दर्जनों मरीजों को देख चुके हैं जिनकी आरटीपीसीआर रिपोर्ट निगेटिव होने के बावजूद सीटी स्कैन में कोविड के लक्षण लगातार मिल रहे थे। इसके बाद से ही उन्होंने सरकार को ऐसे मरीजों का इलाज करने के लिए सुझाव भी भेजा था। दैनिक जागरण ने भी इस खबर को प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया था। मुख्यमंत्री योगी ने ऐसी ही खबरों का संज्ञान लिया और आरटीपीसीआर निगेटिव कोविड लक्षणों वाले मरीजों को प्रिजम्पटिव कोविड मानकर उन्हें अलग वार्ड में भर्ती कर इलाज करने का निर्देश जारी कर दिया है। इससे सैकड़ों मरीजों की जान बचाना आसान हो जाएगा।