अब सिर्फ 'समाधान पोर्टल' से होगा विभागों की हर तरह की शिकायत और समस्या का निस्तारण
यूपी में शिकायत और निस्तारण के विभिन्न पोर्टल को अब समाधान पोर्टल से जोड़ दिया गया है। हर विभाग की जिम्मेदारी तय करते हुए भौतिक सत्यापन को भी अनिवार्य कर दिया गया है।
लखनऊ, जेएनएन। आगरा और मीरजापुर पुलिस की कारस्तानी हाल ही में सामने आई थी कि कैसे आवेदक का मोबाइल नंबर दर्ज न कर शासन की आंख में धूल झोंक रहे थे। जनसुनवाई की ऑनलाइन व्यवस्था में से ऐसी सभी चालबाजियों को 'ऑफलाइन' करने के लिए शासन ने नई व्यवस्था की है। शिकायत और निस्तारण के विभिन्न पोर्टल को अब समाधान पोर्टल से जोड़ दिया गया है। हर विभाग की जिम्मेदारी तय करते हुए भौतिक सत्यापन को भी अनिवार्य कर दिया गया है।
पिछले दिनों पुलिस का कारनामा खुला कि वह सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत अपलोड करते वक्त शिकायतकर्ता का मोबाइल नंबर काट दे रहे थे, ताकि फीडबैक न लिया जाए। ऐसे ही कई तरह की शिकायतें मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंचीं। इस पर शासन ने व्यवस्था को और चुस्त-दुरुस्त करने का प्रयास किया है।
शिकायतों के विभिन्न माध्यम जैसे, मुख्यमंत्री कार्यालय, जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक या पुलिस अधीक्षक कार्यालय, संपूर्ण समाधान दिवस (तहसील दिवस), थाना समाधान दिवस, भारत सरकार (पीजी पोर्टल), मुख्यमंत्री हेल्पलाइन (1076), एंटी-भूमाफिया, एंटी करप्शन आदि से प्राप्त शिकायतों को समाधान पोर्टल में समन्वित कर दिया गया है। मुख्य सचिव आरके तिवारी ने इस संबंध में सोमवार को शासनादेश जारी कर दिया।
अब ऐसे होगी निगरानी