Locust Attack : अब ड्रोन से होगी टिड्डी दल की निगरानी, सूबे के MP बार्डर पर हुआ परीक्षण
Locust Attack एक घंटे में 20 हेक्टेयर क्षेत्रफल में ड्रोन से दवा का छिड़काव। परेशान किसानों ने डॉयल 112 पर भी दर्ज कराई शिकायतें। समस्या से जिला कंट्रोल रूम को अवगत कराया।
लखनऊ, जेएनएन। Locust Attack : पाकिस्तान के रास्ते सूबे में दस्तक देने वाले टिड्डी दल को रोकने के लिए अब ड्रोन का सहारा लिया जाएगा। शनिवार को सूबे के मध्य प्रदेश बार्डर के शिवपुरी इलाके में ड्रोन के माध्यम से कीटनाशक का छिड़काव किया गया। एक घंटे में 20 हेक्टेयर क्षेत्रफल में ड्रोन से दवा का छिड़काव किया जा सकता है। ड्रोन से निगरानी और रोकथाम की जिम्मेदारी राजधानी के केंद्रीय कीटनाशी प्रबंध केंद्र के विशेषज्ञों को दी गई है।वहीं हवा के रुख बदलने से टिडि्डयों के दल ने मध्य प्रदेश और राजस्थान की ओर भले ही कूच कर लिया हो, लेकिन राजधानी समेत प्रदेश में अलर्ट मोड में सभी को रखा गया है।
हर ब्लॉक में निगरानी कमेटी बनी
राजधानी की आम बेल्ट माल, मलिहाबाद, काकोरी और सरोजनी नगर में विशेष निगरानी के साथ ही सभी ब्लॉकों में एडवाइजरी कमेटी बना दी गई है। ब्लॉक स्तर पर तैनात कृषि, पंचायत, वन विभाग व उद्यान विभाग के कर्मचारियों को कमेटी में शामिल किया गया है। सभी के फोन नंबर और टिड्डी की जानकारी किसानों के बीच सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचारित किया गया है। पानी के टैंकर वाले टैक्टरों के साथ ही अग्निशमन विभाग के वाहनों की सूची मांग कर उन्हें रिजर्व किया गया है। सभी कीटनाशक की दुकानों में 25 हजार लीटर कीटनाशक रिजर्व रखा गया है। जिला कृषि रक्षा अधिकारी धनंजय सिंह ने बताया कि राजधानी में तैयारियां पूरी हैं। फिलहाल हवा का रुख बदलने से खतरा कम है।
ऐसे होगा बचाव
राजधानी में सतर्कता पर एक नजर अग्निशमन की गाड़ियां- आठ टैक्टर माउंटेड स्प्रेयर्स-100 नगर निगम के ट्रैक्टर-10 विभागीय पावर स्प्रेयर्स-500 फुट स्प्रेयर्स- 320 ढोल,नगाड़ा व डीजे-500
पुलिस के सामने अब टिड्डी की भी चुनौती
पुलिस हर मर्ज की दवा भले ही न खोज सके लेकिन, लोग हर संकट में उससे मदद की उम्मीद जरूर रखते हैं। अब खेत-खलिहान में जब टिड्डी दल ने हमला बोला तो परेशान हाल किसानों ने मदद के लिए पुलिस को भी फोन घुमाने शुरू कर दिए हैं। एक दिन पहले ही यह सिलसिला शुरू हुआ है। शुक्रवार व शनिवार को टिड्डी से जुड़ी चार कॉल डॉयल 112 पर आईं। इनमें तीन कॉल झांसी से और एक कॉल लखीमपुर से थी।
किसानों ने टिड्डी से काफी परेशानी होने की बात कहते हुए पुलिस से मदद मांगी। इन सभी कॉल पर पीआरवी मौके पर गई और फिर किसानों की समस्या से जिला कंट्रोल रूम को अवगत कराया। पुलिस ऐसी सूचनाओं को स्थानीय जिला प्रशासन तक पहुंचा रही है। माना जा रहा है कि टिड्डी का प्रकोप बढऩे के साथ ही डॉयल 112 पर ऐसी सूचनाओं का दबाव भी बढ़ेगा। उल्लेखनीय है कि कोरोना से जुड़ी सूचनाएं बढऩे से डॉयल 112 पर कॉलों का दबाव काफी है। ऐसे में टिड्डी से जुड़ी शिकायतें बढऩे पर पुलिस के सामने एक और चुनौती होगी।