अब मानसिक रोगों का मुफ्त इलाज, हर अस्पताल में आरक्षित होंगे 10 बेड
लागू हुआ मेंटल हेल्थ एक्ट, जिलों में लोगों को मिलेगा मानसिक रोग का निश्शुल्क इलाज, जिला अस्पतालों में खुलेगी ओपीडी और आइपीडी।
लखनऊ[राफिया नाज]। मानसिक स्वास्थ्य के अधिकार को सरकार ने गंभीरता से लेते हुए प्रदेश में मेंटल हेल्थ एक्ट लागू करने के आदेश दे दिये हैं। प्रदेश के सभी जिलों में मानसिक रोगियों को निश्शुल्क इलाज मिलेगा। हर पीएचसी-सीएचसी और जिला अस्पताल में मानसिक रोगियों के लिए ओपीडी से लेकर आइपीडी की व्यवस्था की जाएगी। मनोरोग चिकित्सकों की भर्ती भी शुरू हो गई है। मेंटल हेल्थ एक्ट गत वर्ष जुलाई में आया था, जिसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को छह माह का समय दिया था।
निजी अस्पताल में इलाज करवाने वाले मरीजों को देनी पड़ेगी प्रतिपूर्ति
अगर कोई भी मरीज सरकारी अस्पताल में मानसिक रोग का इलाज न करवाकर निजी अस्पताल में इलाज करवाएगा तो इसके लिए संबंधित सीएमओ को मरीज को इलाज के खर्च की प्रतिपूर्ति करनी होगी। इसके लिए मरीज को एक फार्म भरना होगा।
हर अस्पताल में आरक्षित होंगे 10 बेड
राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत हर जिला अस्पताल में मानसिक रोगियों के लिए 10 बेड आरक्षित होंगे। इसमें पांच बेड पुरुष और पांच बेड महिला के रिजर्व होंगे।
वार्ड में उपकरण मंगाने का आदेश
मानसिक रोग विभाग वार्ड के लिए उपकरण मंगाने के लिए प्रमुख सचिव ने बजट भी जारी कर दिया है। इसमें ईसीटी मशीन, बायो फीड बैक, ऑक्सीजन सिलेंडर, बीपी इंस्ट्रूमेंट, सक्शन मशीन, एंबुबैग समेत कई उपकरण मंगाने के आदेश दिये गये हैं।
20 जिलों में खुलेंगे मनकक्ष
प्रदेश के 20 जिलों में जिला मानसिक काउंसिलिंग सेंटर यानी खोला जाना है। इसमें एक साइकोलॉजिस्ट और दो काउंसलर होंगे। प्रदेश मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के नोडल ऑफिसर डॉ. सुनील पांडेय ने बताया कि इन सेंटरों का उद्घाटन नवंबर माह तक होने की उम्मीद है।