अब लखनऊ के स्कूल व पार्क संवारने पर खर्च होगी पार्षद निधि, प्राकलन तैयार करने में जुटे इंजीनियर
सरकारी प्राथमिक स्कूलों को संवारने और पार्क की सूरत बदलने पर ही खर्च करना होगी निधि। वार्ड में विकास की बढ़ी मांग। महापौर के आदेश पर इंजीनियरों ने सरकारी स्कूलों और पार्कों को संवारने का प्राकलन बनाना शुरू कर दिया है।
लखनऊ [अजय श्रीवास्तव]। सड़क और नाली निर्माण में ही वार्ड विकास निधि (पार्षद निधि) का बजट खपाने वाले पार्षदों की अब नहीं चलेगी। इस निधि का उपयोग उन्हें वार्ड के सरकारी प्राथमिक स्कूलों को संवारने और पार्क की सूरत बदलने पर ही खर्च करना होगा। इसकी जानकारी मिलते ही कुछ पार्षदों में नाराजगी भी दिख रही है और वह कह रहे हैं कि ऐसा कर सदन के निर्णय को ही पलटने की कोशिश हो रही है। हालांकि, कई पार्षद स्कूलों और पार्कों को संवारने की योजना पर सहमत भी हैं। अभी लिखित में कोई आदेश जारी नहीं किया गया है, लेकिन महापौर के आदेश पर इंजीनियरों ने सरकारी स्कूलों और पार्कों को संवारने का प्राकलन बनाना शुरू कर दिया है।
दरअसल, वार्ड विकास निधि की रकम पार्षद की मर्जी से ही खर्च होती है। चार किस्तों में यह निधि जारी की जाती है। चालू वित्तीय वर्ष में चौथी और अंतिम किस्त जारी की जानी है। इसके बावजूद अभी तक इसे जारी नहीं किया गया है। वार्ड विकास निधि की चौथी किस्त जारी न होने के पीछे भी यही तर्क दिया जा रहा है कि फिर से प्रस्ताव तैयार हो रहा है। इसमें वार्ड के सरकारी स्कूलों और पार्कों को शामिल किया जा रहा है। विकास निधि की चौथी किस्त करीब तीस लाख रुपये की है।
अभी तक वार्ड विकास निधि की अधिकांश राशि सड़क व नाली निर्माण पर ही खर्च होती है। हर वार्ड को करीब 1.15 करोड़ रुपये (जीएसटी अलग) की विकास निधि मिलती है।
महापौर संयुक्ता भाटिया के मुताबिक, बजट के अभाव में सरकारी स्कूलों के भवनों और पार्कों में सुधार नहीं हो पाता है। इसलिए यह प्रस्ताव दिया है कि वार्ड विकास निधि का उपयोग वार्ड के सरकारी स्कूलों की जर्जर बिल्डिंग की मरम्मत करने और बदहाल पड़े पार्कों को संवारने पर किया जाए। ऐसा होने से एक बार में अधिकांश स्कूलों की बिल्डिंग ठीक हो जाएगी। साथ ही पार्क भी सुंदर दिखने लगेंगे। कई पार्षदों ने इस योजना पर सहमति जता दी है।
नाराजगी भी दिख रही पार्षदों में : भाजपा पार्षद संतोष राय का कहना है कि वार्ड में विकास की मांग बढ़ रही है। जो विकास निधि मिलती है, उससे सालभर में सभी सड़कों व नालियों का निर्माण कराना संभव नहीं होता। सरकारी स्कूलों को संवारा जाना चाहिए, लेकिन वार्ड विकास निधि का उपयोग कराना उचित नहीं है।
कांग्रेस पार्षद अमित चौधरी का कहना है कि अगर किसी वार्ड में सरकारी स्कूल नहीं है या फिर उनकी दशा ठीक है तो वहां के वार्ड के लिए चौथी किस्त जारी की जानी थी। जनवरी माह खत्म होने को है, लेकिन अभी तक सड़कों व नालियों को बनाने के प्रस्ताव नहीं लिए गए हैं।